क्या जीएसटी 2.0 एक नई क्रांति है? - निरंजन हीरानंदानी

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क्या जीएसटी 2.0 एक नई क्रांति है? - निरंजन हीरानंदानी

सारांश

डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने जीएसटी 2.0 के परिवर्तनों की सराहना करते हुए इसे प्रधानमंत्री मोदी का साहसिक कदम बताया है। यह बदलाव आम जनता को राहत देने के साथ-साथ हानिकारक वस्तुओं पर कर बढ़ाने का भी प्रावधान करता है। जानें इस नई कर प्रणाली की खास बातें।

Key Takeaways

  • जीएसटी 2.0 में दो प्रमुख स्लैब: 5% और 18% हैं।
  • हानिकारक वस्तुओं पर कर में वृद्धि की गई है।
  • दवाओं पर जीएसटी हटाने से स्वास्थ्य सेवाएं सस्ती होंगी।
  • आम जनता को सीधी राहत मिलेगी।
  • 22 सितंबर से कई दैनिक उपयोग की वस्तुएं सस्ती होंगी।

मुंबई, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हीरानंदानी समूह के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने हाल ही में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) 2.0 में किए गए महत्वपूर्ण परिवर्तनों की सराहना करते हुए इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा उठाया गया एक साहसिक और परिवर्तनकारी कदम बताया।

राष्ट्र प्रेस को दिए गए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कहा था कि दिवाली से पहले कुछ क्रांतिकारी होगा। उन्होंने इसे पूरा किया है। यह केवल एक सुधार नहीं है, बल्कि एक क्रांति है।"

उन्होंने नए जीएसटी 2.0 ढांचे की प्रशंसा की, जिसमें केवल दो कर स्लैब की शुरुआत की गई है और तंबाकू व सॉफ्ट ड्रिंक जैसी हानिकारक वस्तुओं पर 40 प्रतिशत तक का 'सिन टैक्ल' लगाने का निर्णय लिया गया है। साथ ही, आवश्यक निर्माण वस्तुओं पर जीएसटी को घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि नया कर ढांचा आम जनता को सीधी राहत प्रदान करता है।

"जिन वस्तुओं पर पहले 12 प्रतिशत कर लगता था, उन पर टैक्स को घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। दूसरी ओर, हानिकारक उत्पादों पर कर में वृद्धि उचित है।"

हीरानंदानी ने दवाओं पर जीएसटी हटाने की खास तौर पर सराहना की।

"यह एक बेहद जरूरी कदम है। बहुत से लोग, विशेषकर मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोग, स्वास्थ्य सेवा के खर्चों से जूझते हैं। दवाओं पर जीएसटी हटाना एक मजबूत और संवेदनशील कदम है।"

उन्होंने सरकार के 'सिन गुड्स' के विचार की भी प्रशंसा की।

उन्होंने आगे कहा, "जो वस्तुएं लोगों के लिए हानिकारक हैं और उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं हैं, उन पर 40 प्रतिशत कर लगाना सकारात्मक है क्योंकि इसका उद्देश्य है कि लोग इन्हें कम खरीदें।"

जीएसटी परिषद द्वारा भारत के अप्रत्यक्ष कर ढांचे में ऐतिहासिक बदलावों को मंजूरी दिए जाने के बाद, 22 सितंबर से कई दैनिक उपयोग की वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी।

बुधवार को अपनाए गए नए कर ढांचे में अब दो प्रमुख स्लैब 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत हैं, जबकि हानिकारक वस्तुओं पर कर 40 प्रतिशत है।

Point of View

जीएसटी 2.0 में सुधार निश्चित रूप से सकारात्मक हैं। खासकर, दवाओं पर जीएसटी हटाना और हानिकारक उत्पादों पर कर बढ़ाना स्वास्थ्य के लिए बेहतर है। यह कदम ना केवल अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि आम जनता को भी राहत प्रदान करेगा।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

जीएसटी 2.0 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
जीएसटी 2.0 का मुख्य उद्देश्य आम जनता को राहत प्रदान करना और हानिकारक वस्तुओं पर कर बढ़ाना है।
क्या जीएसटी 2.0 में कर स्लैब में कोई बदलाव हुआ है?
जीएसटी 2.0 में अब केवल दो कर स्लैब हैं: 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत।
दवाओं पर जीएसटी हटाने का क्या महत्व है?
यह कदम मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा की लागत को कम करेगा।
सिन गुड्स क्या होते हैं?
सिन गुड्स उन वस्तुओं को कहा जाता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं और जिन पर उच्च कर लगाया जाता है।
जीएसटी 2.0 से आम जनता को क्या लाभ होगा?
आम जनता को सस्ती दैनिक उपयोग की वस्तुएं और स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।