क्या केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने एचडी हुंडई के चेयरमैन से शिपबिल्डिंग में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की?
सारांश
Key Takeaways
- एचडी हुंडई और भारत के बीच सहयोग से शिपबिल्डिंग क्षमताओं में वृद्धि होगी।
- भारत का लक्ष्य कमर्शियल वेसल की संख्या को 2500 तक बढ़ाना है।
- 24 अरब डॉलर का निवेश भारत के मैरीटाइम सेक्टर के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
सियोल/नई दिल्ली, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण कोरिया की प्रमुख शिपबिल्डिंग कंपनी एचडी हुंडई ने गुरुवार को जानकारी दी कि इसके चेयरमैन ने केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ शिपबिल्डिंग और मैरीटाइम इंडस्ट्रीज में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
कंपनी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि एचडी हुंडई के चेयरमैन चुंग की-सन ने केंद्रीय मंत्री पुरी से सियोल में मुलाकात की। इस बैठक का उद्देश्य भारत की शिपबिल्डिंग क्षमताओं को विकसित करना और संबंधित टेक्नोलॉजी को उन्नत करने के लिए दोनों पक्षों के बीच साझेदारी के अवसरों की खोज करना था।
केंद्रीय मंत्री पुरी के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मैरीटाइम अमृत काल विजन 2047 परियोजना के तहत दक्षिण कोरिया का दौरा किया। यह परियोजना भारत सरकार की प्रमुख पहलों में से एक है, जिसका लक्ष्य भारत को विश्व के शीर्ष पांच शिपबिल्डिंग देशों में शामिल करना है। इस योजना के तहत भारत अपने कमर्शियल वेसल की संख्या 1500 से बढ़ाकर 2500 करना चाहता है।
योनअप न्यूज एजेंसी के अनुसार, भारत सरकार इस पहल के तहत 24 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बना रही है। पिछले महीने अक्टूबर में देश ने नए वेसल के निर्माण के लिए 8 अरब डॉलर की प्रारंभिक फंडिंग की घोषणा की।
एचडी हुंडई के चेयरमैन चुंग ने कहा, "आपसी विश्वास और भरोसे के साथ भारत की शिपबिल्डिंग उद्योग को मजबूत करने के लिए एचडी हुंडई एक उत्तम साझेदार होगा।"
वहीं, केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि भारत सरकार और एचडी हुंडई के बीच नियमित आदान-प्रदान शिपबिल्डिंग और मैरीटाइम सेक्टर में दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूती देगा।"
इसके अलावा, इस वर्ष जुलाई में हुंडई ने शिपबिल्डिंग में द्विपक्षीय साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए भारत की सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह पहला अवसर था जब दक्षिण कोरिया के शिपबिल्डर ने एक भारतीय कंपनी के साथ साझेदारी की।
पिछले महीने अक्टूबर के अंत में पीएम मोदी ने इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 के तहत मैरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव और ग्लोबल मैरीटाइम सीईओ फोरम की अध्यक्षता की।
पीएम मोदी ने देश के मैरीटाइम सेक्टर को लेकर कहा कि पिछले 11 वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर, सुधारों और लोगों की भागीदारी के साथ इस क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। इन बदलावों के साथ मैरीटाइम सेक्टर आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, वैश्विक विश्वास और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बन गया है।
उन्होंने निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि वे पूरे विश्वास के साथ कह सकते हैं कि भारत निवेश के लिए एक सही स्थान है।