क्या भारत और बहरीन की मित्रता सदियों पुरानी है, और क्या वे शांति और समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध हैं?: विदेश मंत्री जयशंकर
सारांश
Key Takeaways
- भारत और बहरीन के बीच सदियों पुरानी मित्रता की पुष्टि।
- संयुक्त समुद्री बलों में भारत की सक्रिय भागीदारी।
- समुद्री सहयोग और निवेश के अवसरों की पहचान।
- गाजा शांति योजना के लिए समर्थन।
- स्वास्थ्य सेवा में सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता।
नई दिल्ली, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को बहरीन के विदेश मंत्री अब्दुल लतीफ बिन राशिद अलजयानी के साथ 5वीं भारत-बहरीन उच्च संयुक्त आयोग की बैठक में भाग लिया। इस अवसर पर, विदेश मंत्री ने भारत और बहरीन के बीच स्थायी साझेदारी की महत्वपूर्णता पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सदियों पुराना दोस्ताना संबंध है, जो व्यापारिक और सामाजिक संबंधों पर आधारित है। विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों राष्ट्र अपने लोगों के लिए शांति और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा, "भारत और बहरीन के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध व्यापारिक और जन संबंधों पर आधारित हैं। हम अपने लोगों के लिए शांति और समृद्धि को बढ़ावा देने में विश्वास रखते हैं। हमारी पिछली बैठक के बाद से, हमने कई क्षेत्रों में प्रगति की है जैसे कि रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और संस्कृति।"
विदेश मंत्री ने मनामा संवाद के सफल आयोजन पर बहरीन को बधाई दी और आगामी जीसीसी शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि बहरीन के नेतृत्व में भारत और जीसीसी के बीच सहयोग को और मजबूती मिलेगी।
जयशंकर ने समुद्री सहयोग पर भी प्रकाश डाला और कहा, "भारत ने मनामा स्थित संयुक्त समुद्री बलों में सक्रिय भागीदारी की है।" उन्होंने निवेश के अवसरों की खोज में बहरीन के निवेशकों का स्वागत किया।
उन्होंने आगे कहा, "हम स्वास्थ्य सेवा में सहयोग को मजबूत करने के लिए कई पहलों पर काम कर रहे हैं। हमारी अंतरिक्ष एजेंसियां भी सहयोग को गहरा करने के लिए आगे बढ़ रही हैं।"
उन्होंने गाजा शांति योजना के प्रति नई दिल्ली के समर्थन को दोहराते हुए कहा कि इससे क्षेत्र में स्थायी समाधान का मार्ग प्रशस्त होगा।