क्या भारत-ओमान फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से मध्यपूर्व के साथ आर्थिक सहयोग बढ़ेगा?
सारांश
Key Takeaways
- भारत-ओमान फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से आर्थिक सहयोग में वृद्धि होगी।
- ओमान में भारतीय निवेश तीन गुना बढ़ा है।
- यह द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
- निवेश के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
- व्यापार अगले दो से तीन वर्षों में दोगुना हो सकता है।
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत-ओमान फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) से मध्यपूर्व क्षेत्र में देश का आर्थिक सहयोग बढ़ेगा। इससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा में सुधार होगा और निवेश में वृद्धि देखने को मिलेगी।
यह ओमान का किसी अन्य देश के साथ दूसरा फ्री ट्रेड एग्रीमेंट होगा। इससे पहले लगभग 20 वर्ष पहले ओमान ने अपना पहला एफटीए किया था।
इससे भारत के निर्यात में विविधता लाने को बल मिलेगा और आपूर्ति श्रृंखला भी मजबूत होगी।
2020 से ओमान में भारतीय निवेश तीन गुना बढ़कर 5 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जिसमें ग्रीन स्टील, ग्रीन अमोनिया, एल्युमीनियम निर्माण और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्र शामिल हैं। यह निवेश दीर्घकालिक संचालन आधार के रूप में ओमान में भारत के विश्वास को दर्शाता है।
दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने कई मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनसे हमारे किसानों, व्यापारियों और निर्यातकों को लाभ मिल रहा है।
भारत की ओर से निर्यात में विविधता लाने के लिए लगातार एफटीए पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। जुलाई में भारत ने यूके से एफटीए किया था, जिसके तहत 90 प्रतिशत से अधिक सामान पर कर शून्य कर दिया गया है। इसके अलावा, भारत ने यूएई, यूरोपीय मुक्त व्यापार संगठन (ईएफटीए) के सदस्य देशों स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन के साथ भी एफटीए किया है। वहीं, भारत का ऑस्ट्रेलिया के साथ भी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हो चुका है।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा था कि प्रस्तावित भारत-ओमान फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) से टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग, ऑटोमोबाइल, ज्वेलरी, एग्रोकेमिकल, नवीकरणीय ऊर्जा और ऑटो कंपोनेंट्स में नए अवसर उत्पन्न होंगे।
मस्कट में आयोजित भारत-ओमान बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए गोयल ने खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी), पूर्वी यूरोप, मध्य एशिया और अफ्रीका के प्रवेश द्वार के रूप में ओमान को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बताया, जो भारतीय व्यवसायों को बेहतर बाजार पहुंच प्रदान करता है।
ओमान में ईवाई के टैक्स पार्टनर अल्केश जोशी ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से ओमान को काफी उम्मीदें हैं और इसमें भारत-ओमान के बीच एफटीए पर मोहर लगने की संभावना है।
उन्होंने कहा, "पीएम मोदी के दौरे का हम सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस दौरे पर ध्यान भारत-ओमान के बीच एफटीए पर होगा और इसे लेकर ओमान में भी काफी चर्चा है। वर्तमान में दोनों देशों के बीच व्यापार 10.5 अरब डॉलर का है। जैसे ही यह एग्रीमेंट लागू होगा, दोनों देशों के बीच व्यापार अगले दो से तीन वर्षों में दोगुना हो सकता है, जिससे दोनों पक्षों के व्यापारियों को अवसर मिलेगा।"