क्या भारत के ऑटो सेक्टर में सितंबर में हुई रिकवरी ने सभी सेगमेंट को प्रभावित किया?
सारांश
Key Takeaways
- सितंबर में ऑटो सेक्टर की बिक्री में 5 से 10 प्रतिशत का उछाल।
- कमर्शियल वाहनों की बिक्री में 11.9 प्रतिशत की वृद्धि।
- जीएसटी सुधारों का सकारात्मक प्रभाव।
- वित्त वर्ष 2026 के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण।
- ग्रामीण मांग और त्योहारी सीजन का योगदान।
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में सितंबर महीने में एक मजबूत रिकवरी देखने को मिली है, जिसमें सभी सेगमेंट की बिक्री में 5 से 10 प्रतिशत का उछाल हुआ है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई है जो गुरुवार को जारी हुई।
रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने कहा है कि इस बिक्री में तेजी का कारण वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के सुधार और त्योहारी सीजन की शुरुआत है, जो वित्त वर्ष 2026 के लिए इंडस्ट्री में सकारात्मक बदलाव का संकेत देता है।
कमर्शियल वाहन सेगमेंट में बिक्री में सबसे तेज वृद्धि हुई, जिसमें थोक बिक्री 11.9 प्रतिशत बढ़ी।
रिपोर्ट के अनुसार, दोपहिया वाहनों की रिटेल बिक्री में सालाना आधार पर 6.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वहीं, वाहनों की थोक बिक्री में 6 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई।
आईसीआरए ने बताया कि जीएसटी में कटौती के बाद, यात्री वाहनों की रिटेल बिक्री में सालाना आधार पर 5.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। थोक बिक्री में 4.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि थोक बिक्री में मासिक आधार पर 15.7 प्रतिशत की बिक्री हुई है, जिसका कारण मैन्युफैक्चरर्स द्वारा डीलरशिप को अधिक वाहनों का निर्यात करना है। हालांकि, इन्वेंट्री स्तर अभी भी उच्चतम स्तर पर बना हुआ है और यूटिलिटी वाहनों की मांग लगातार बनी हुई है।
आईसीआरए ने वित्त वर्ष 2026 में भारतीय ऑटो क्षेत्र के लिए स्थिर से सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखा है। एजेंसी ने इस वित्तीय वर्ष के लिए कमर्शियल वाहनों (सीवी) उद्योग के लिए 3-5 प्रतिशत की मामूली थोक वृद्धि, दोपहिया वाहनों के लिए 6-9 प्रतिशत, और यात्री वाहनों के लिए 1 से 4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर अफोर्डेबिलिटी, नए मॉडलों का लॉन्च, ग्रामीण मांग में वृद्धि और निरंतर त्योहारी मांग इंडस्ट्री विकास को गति प्रदान करेंगे।