क्या नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुरक्षा तैयारी की गई है?

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क्या नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुरक्षा तैयारी की गई है?

सारांश

नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की सुरक्षा तैयारी को लेकर एईपीसी की बैठक में महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई। अधिकारियों ने आपातकालीन योजनाओं की गहन समीक्षा की और विभिन्न विभागों के मध्य समन्वय बढ़ाने पर बल दिया।

Key Takeaways

  • आपातकालीन तैयारियों की नियमित समीक्षा जरूरी है।
  • समन्वय से ही त्वरित प्रतिक्रिया संभव है।
  • स्वास्थ्य सेवाओं और आपातकालीन सेवाओं का समन्वय महत्वपूर्ण है।
  • मॉक ड्रिल से तैयारियों में सुधार होता है।
  • आधुनिक तकनीक का उपयोग आवश्यक है।

गौतमबुद्ध नगर, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए हवाई अड्डा आपातकालीन योजना समिति (एयरपोर्ट इमरजेंसी प्लानिंग कमेटी) की महत्वपूर्ण बैठक गुरुवार को संपन्न हुई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य हवाई अड्डे की आपातकालीन तैयारियों की समीक्षा करना और विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना था।

बैठक की अध्यक्षता एनआईए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रिस्टोफ सैल्मन ने की, और सह-अध्यक्षता अपर जिलाधिकारी (भू.अ.) बच्चू सिंह ने की। बैठक में नागरिक उड्डयन मंत्रालय की आपदा प्रबंधन योजना 2016 और डीजीसीए के दिशा-निर्देशों के तहत हवाई अड्डे की आपातकालीन व्यवस्था की रूपरेखा पर विस्तृत चर्चा हुई। एपीसीई समिति का गठन इस उद्देश्य से किया गया है कि किसी भी आपात स्थिति में विभिन्न एजेंसियों के बीच प्रभावी समन्वय सुनिश्चित किया जा सके और संकट की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके।

बैठक के दौरान समिति ने हवाई अड्डे की आपातकालीन तैयारियों का गहन अवलोकन किया। इसमें आईसीएल अनुलग्नक 14, डीजीसीए कार और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत सुरक्षा ढांचे और नियामक प्रावधानों की समीक्षा की गई। आपातकालीन संचालन केंद्र (इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर), पुनर्मिलन क्षेत्र (रियूनियन एरिया) और मीडिया सेंटर की कार्यप्रणाली और लेआउट पर भी विस्तृत चर्चा हुई ताकि संकट की घड़ी में सूचनाओं और राहत कार्यों का समन्वय बेहतर ढंग से किया जा सके।

स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सहायता व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए स्थानीय अस्पतालों, एम्बुलेंस सेवाओं और हवाई अड्डा स्वास्थ्य अधिकारियों के बीच समन्वय बढ़ाने पर विशेष बल दिया गया। साथ ही, सामूहिक दुर्घटनाओं और संभावित आपदाओं से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा की गई। बैठक में डीडीएमए नियंत्रण कक्ष, अग्निशामक विभाग, पुलिस इकाइयां और आपातकालीन सेवाओं के बीच सूचना साझा करने की एकीकृत प्रणाली (इंटीग्रेटेड अलर्ट मैकेनिज्म) विकसित करने पर भी चर्चा हुई, ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में समय पर सूचना और त्वरित कार्रवाई संभव हो सके।

अप्रैल से अक्टूबर 2025 के बीच आयोजित विभिन्न मॉक ड्रिल और आपातकालीन अभ्यासों की भी समीक्षा की गई। इनमें आपातकालीन सिमुलेशन, नागरिक सुरक्षा ड्रिल, जल बचाव अभियान और निकासी अभ्यास शामिल थे, जिनसे एजेंसियों की क्षमता और समन्वय में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया। बैठक के समापन पर एपीईसी ने दोहराया कि नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उच्च स्तरीय आपात तैयारी बनाए रखने के लिए नियमित प्रशिक्षण, समन्वित प्रयास और आधुनिक तकनीक का प्रयोग अनिवार्य है।

समिति ने सभी विभागों से सामूहिक सहयोग की अपील की ताकि किसी भी आपात स्थिति में समयबद्ध, प्रभावी और एकीकृत प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके। इस अवसर पर उप जिलाधिकारी जेवर अभय सिंह, पुलिस विभाग, अग्निशामक एवं आपातकालीन सेवाएं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डीजीसीए, भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण और नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रबंधन टीम के अधिकारी उपस्थित रहे।

Point of View

यह स्पष्ट है कि नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की सुरक्षा तैयारियों को लेकर अधिकारियों की सक्रियता और समन्वय आवश्यक है। देश के लिए यह आवश्यक है कि हम आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया देने की क्षमता विकसित करें।
NationPress
30/10/2025

Frequently Asked Questions

नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की आपातकालीन योजनाओं में क्या शामिल है?
आपातकालीन योजनाओं में हवाई अड्डे की सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, और विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय शामिल हैं।
क्या बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की गई?
हाँ, बैठक में स्थानीय अस्पतालों और एम्बुलेंस सेवाओं के बीच समन्वय बढ़ाने पर चर्चा हुई।
आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया कैसे सुनिश्चित की जा सकती है?
इंटीग्रेटेड अलर्ट मैकेनिज्म के जरिए विभिन्न एजेंसियों के बीच सूचना साझा करने का प्रयास किया जा रहा है।