क्या भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.03 अरब डॉलर बढ़ा है, गोल्ड रिजर्व में भी हुआ इजाफा?

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क्या भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.03 अरब डॉलर बढ़ा है, गोल्ड रिजर्व में भी हुआ इजाफा?

सारांश

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार और सोने का भंडार दोनों में बढ़ोतरी हुई है, जो निवेश के लिए देश की बढ़ती आकर्षण को दर्शाता है। यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा साझा की गई है।

Key Takeaways

  • विदेशी मुद्रा भंडार में 1.03 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है।
  • सोने का भंडार भी बढ़ा है, जो आर्थिक स्थिरता का संकेत है।
  • भारत ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में वृद्धि देखी है।
  • वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में एफडीआई प्रवाह 50.36 अरब डॉलर
  • भारत ने व्यापार विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए मुक्त व्यापार समझौतों का लाभ उठाया है।

नई दिल्ली, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को बताया कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) 5 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 1.03 अरब डॉलर बढ़कर 687.26 अरब डॉलर हो गया।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि इस सप्ताह सोने का भंडार (गोल्ड रिजर्व) भी 1.188 अरब डॉलर बढ़कर 106.984 अरब डॉलर हो गया। वहीं स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (एसडीआर) में 93 मिलियन डॉलर का इजाफा हुआ और यह 18.721 अरब डॉलर तक पहुंच गया।

आरबीआई विदेशी मुद्रा बाजार में हो रहे घटनाक्रमों की नियमित निगरानी करता है और जरूरत पड़ने पर हस्तक्षेप करता है, जिससे व्यापार की स्थिति सही बनी रहे।

इस साल भारत ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में शानदार बढ़ोतरी देखी है।

सरकार द्वारा संसद को इस महीने की शुरुआत में दी गई जानकारी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर 2025) में कुल एफडीआई का प्रवाह 50.36 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि (43.37 अरब डॉलर) से 16 प्रतिशत अधिक था और यह किसी भी वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।

वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में बताया कि वित्त वर्ष 2012-13 में भारत का कुल एफडीआई प्रवाह 34 अरब डॉलर से अधिक था, जो अब बढ़कर 2024-25 में 80 अरब डॉलर से ऊपर हो गया है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत में एफडीआई का प्रवाह वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में मजबूत तरीके से बढ़ा, जिसमें अप्रैल से सितंबर 2025 के दौरान कुल एफडीआई 18 प्रतिशत बढ़कर 35.18 अरब डॉलर हो गया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नेट एफडीआई प्रवाह में हालिया बढ़ोतरी के कारणों में भारतीय कंपनियों का विदेशी बाजारों में निवेश बढ़ना और पुनर्निवेश शामिल है।

यह ट्रेंड दर्शाता है कि भारत न केवल विदेशी पूंजी आकर्षित कर रहा है, बल्कि मजबूत रिटर्न भी दे रहा है, जिससे भारत का निवेश के लिए विश्वसनीय गंतव्य के रूप में विश्वास मजबूत हो रहा है।

सरकार ने व्यापार विविधीकरण को बढ़ावा देने और निवेश आकर्षित करने के लिए मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) का लाभ उठाया है। भारत ने अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ 15 फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स (एफटीए) और 6 प्रीफ्रेंशियल ट्रेड एग्रीमेंट्स (पीटीए) पर हस्ताक्षर किए हैं।

-- राष्ट्र प्रेस

दुर्गेश बहादुर/एबीएस

Point of View

जिसके पीछे विदेशी निवेश का बढ़ता प्रवाह है। यह न केवल निवेशकों का विश्वास बढ़ा रहा है, बल्कि देश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर रहा है।
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12/12/2025

Frequently Asked Questions

विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि का क्या अर्थ है?
विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि का अर्थ है कि देश के पास अन्य देशों की मुद्रा और संपत्तियों का अधिक भंडार है, जो आर्थिक स्थिरता का संकेत है।
भारत में एफडीआई में बढ़ोतरी के कारण क्या हैं?
भारत में एफडीआई में बढ़ोतरी के पीछे भारतीय कंपनियों का विदेशी बाजारों में निवेश और पुनर्निवेश शामिल है।
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