क्या फिच ने भारत की विकास दर का अनुमान बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत किया?

सारांश
Key Takeaways
- भारत की विकास दर 2026 में 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
- घरेलू मांग और उपभोक्ता खर्च में वृद्धि से विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।
- भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है।
- वैश्विक विकास दर 2.3 प्रतिशत रहने की संभावना है।
- चीन का विकास पूर्वानुमान 4.7 प्रतिशत है।
नई दिल्ली, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। फिच रेटिंग्स के हालिया वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण के अनुसार, भारत भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बावजूद अपनी मजबूती को बनाए रखे हुए है और अगले तीन वर्षों में देश की विकास दर 6 प्रतिशत से ऊपर रहने की उम्मीद है।
2025 की दूसरी तिमाही के बेहतर परिणामों को देखते हुए, फिच ने वित्त वर्ष 2026 के अंत तक अपने पूर्वानुमान को 6.5 प्रतिशत से 6.9 प्रतिशत तक संशोधित किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू मांग विकास का मुख्य आधार होगी, जिससे मजबूत वास्तविक आय उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देगी और लूजर फाइनेंशियल कंडीशन निवेश को प्रोत्साहित करेगी।
फिच के नोट के अनुसार, भारत में वार्षिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 27 में 6.3 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है और अर्थव्यवस्था अपनी क्षमता से थोड़ा ऊपर चल रही है।
फिच ने कहा, "हमें लगता है कि वित्त वर्ष 28 में वृद्धि दर घटकर 6.2 प्रतिशत रह जाएगी"।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक इस वर्ष के अंत तक 25 आधार अंकों की ब्याज दर में कटौती करेगा, क्योंकि यह पहले से लागू की गई नीतिगत ढील के प्रभाव का आकलन कर रहा है और यह दरें 2026 के अंत तक स्थिर रहेंगी। इसके बाद, हमें उम्मीद है कि आरबीआई 2027 में दरें बढ़ाना शुरू करेगा।
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने चीन और यूरोजोन से अच्छे आंकड़ों की मदद से 2025 के लिए अपने वैश्विक विकास अनुमान को 2.4 प्रतिशत कर दिया है, लेकिन चेतावनी दी है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में धीमी गति के संकेत स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं।
चीन के विकास पूर्वानुमान को फिच के जून के पूर्वानुमान 4.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.7 प्रतिशत किया गया है। इसी तरह, यूरोजोन के विकास पूर्वानुमान को 0.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 1.1 प्रतिशत और अमेरिका के विकास पूर्वानुमान को 1.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 1.6 प्रतिशत कर दिया गया है।
वैश्विक विकास दर 2026 के लिए 2.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
फिच के मुख्य अर्थशास्त्री ब्रायन कूल्टन का कहना है, "अमेरिका में टैरिफ वृद्धि बहुत अधिक है और इसका प्रभाव वैश्विक विकास में कमी के रूप में देखा जाएगा। अमेरिका में धीमी गति के संकेत अब केवल सेंटीमेंट सर्वे में सीमित न रहकर ठोस आंकड़ों में भी दिखाई दे रहे हैं।"
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व सितंबर और दिसंबर में 25 आधार अंकों की दो ब्याज दर कटौती करेगा और अगले वर्ष 2026 में तीन और कटौतियाँ की जाएंगी।
फिच को उम्मीद है कि 2025 के अंत में अमेरिका में कीमतों पर दबाव बढ़ेगा जिससे वास्तविक वेतन वृद्धि पर अंकुश लगेगा और उपभोक्ता मांग में कमी आएगी, क्योंकि रोजगार वृद्धि पहले से ही धीमी हो रही है।