क्या पंजाब को बाढ़ से उबरने के लिए 20,000 करोड़ रुपए की आवश्यकता है? : हरपाल चीमा
 
                                सारांश
Key Takeaways
- पंजाब में बाढ़ के कारण गंभीर नुकसान हुआ है।
- हरपाल चीमा ने 20,000 करोड़ की सहायता की मांग की है।
- केंद्र सरकार द्वारा दिए गए राहत पैकेज को अपर्याप्त बताया गया है।
- मुख्यमंत्री भगवंत मान की नीति किसानों के लिए लाभदायक है।
- बाढ़ ने न केवल संपत्ति, बल्कि जीवन को भी नुकसान पहुँचाया है।
चंड़ीगढ़, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब में बाढ़ के कारण हुए नुकसान और केंद्र सरकार की सहायता के प्रति वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब के लोगों के प्रति अनदेखी कर रही है। उन्होंने पंजाब के लिए 20,000 करोड़ की आर्थिक सहायता की मांग की।
हरपाल चीमा ने कहा, "केंद्र सरकार को तालिबान द्वारा नियंत्रित अफगानिस्तान का ध्यान कुछ ही घंटों में आ गया, जबकि पंजाब में बाढ़ के नुकसान की याद 28 से 30 दिनों में आई है।"
उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा दिए गए 1,600 करोड़ रुपए के राहत पैकेज को 'ऊंट के मुंह में जीरा' बताया।
चीमा ने कहा कि यह पैकेज पंजाब के लोगों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है, जिन्होंने देश की आज़ादी और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सबसे अधिक कुर्बानियाँ दी हैं। पंजाब को बाढ़ से उबरने के लिए 20,000 करोड़ रुपए की आवश्यकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने पंजाब दौरे के दौरान राज्य सरकार को नजरअंदाज किया और केवल अपनी पार्टी के नेताओं से मुलाकात की। यदि केवल पार्टी के लोगों से मिलना था, तो वे दिल्ली में कार्यकारिणी की बैठक बुला सकते थे। वे किसी बाढ़ पीड़ित से नहीं मिले।
हरपाल चीमा ने याद दिलाया कि पंजाब के लोगों ने तीनों काले कृषि कानून वापस कर दिए हैं। उन्होंने अनुरोध किया कि प्रधानमंत्री 10 दिन की छुट्टी लेकर चिंतन करें, मन को एकाग्र करें, और पंजाब के प्रति नफरत को अपने दिल और दिमाग से निकाल दें।
वहीं, उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान की 'जिसका खेत उसका रेत' नीति की सराहना करते हुए कहा, "इससे यहां के किसानों को लाभ मिलेगा। बाढ़ ने न केवल खेती और घरों को नुकसान पहुँचाया, बल्कि कई लोगों की जान भी चली गई।"
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                            