क्या करूर भगदड़ में टीवीके के दो नेताओं को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया?

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क्या करूर भगदड़ में टीवीके के दो नेताओं को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया?

सारांश

तमिलनाडु में करूर भगदड़ मामले में टीवीके के दो नेताओं को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। इस हादसे में 41 की जान गई और 60 से अधिक लोग घायल हुए। मुख्यमंत्री ने घटना की गंभीरता को देखते हुए मुआवज़ा देने की घोषणा की है। यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है।

Key Takeaways

  • 41 लोगों की मौत
  • 60 लोग घायल
  • न्यायिक हिरासत में नेता
  • मुआवजा की घोषणा
  • जांच आयोग का गठन

चेन्नई, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेता से राजनेता बने विजय की तमिलग वेट्ट्री कजगम (टीवीके) के दो वरिष्ठ नेताओं को करूर भगदड़ मामले में 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस दुर्घटना में 41 लोगों की मौत हुई, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, लगभग 60 लोग घायल हुए।

करूर पश्चिम जिला सचिव वी. पी. मथियालगन और करूर केंद्रीय जिला सचिव कासी पोनराज को करूर जिला क्रिमिनल कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें 14 अक्टूबर तक हिरासत में रखने का आदेश दिया गया। पुलिस ने उन्हें एफआईआर में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा उपायों में कथित लापरवाही के लिए नामजद किया है।

टीवीके के राज्य महासचिव बुसी आनंद और उप महासचिव निर्मल कुमार भी आरोपी हैं, लेकिन उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।

आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता के तहत गंभीर धाराओं में मामला दर्ज है, जिनमें हत्या के इरादे के बिना हत्या (धारा 105), हत्या के प्रयास (धारा 110), दूसरों के जीवन को खतरे में डालना (धारा 125), और कानूनी आदेश का उल्लंघन (धारा 223) शामिल हैं।

जांचकर्ताओं के अनुसार, भीड़ की संख्या 10,000 लोगों की घोषित संख्या से कहीं अधिक थी और सीमित प्रवेश द्वार व खराब बैरिकेडिंग ने हालात को बिगाड़ दिया।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस त्रासदी को हृदयविदारक बताया। उन्होंने घटना के कुछ घंटे बाद करूर का दौरा किया और पीड़ित परिवारों एवं घायलों से मिले। मुख्यमंत्री ने राज्य की ओर से मुआवजा देने की घोषणा की और कहा कि जांच में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरुणा जगदीशन को एक सदस्यीय जांच आयोग का प्रमुख नियुक्त किया है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और मृतकों के परिजनों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की सहायता की घोषणा की। उन्होंने कहा कि केंद्र “तमिलनाडु के लोगों के गहरे दुःख में शामिल है” और ऐसी घटनाओं से सबक लेने की आवश्यकता है।

Point of View

बल्कि यह समाज के सभी वर्गों के लिए एक चेतावनी है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस बात की जिम्मेदारी लेनी होगी और सुरक्षा उपायों को सख्त बनाना होगा।
NationPress
30/09/2025

Frequently Asked Questions

करूर भगदड़ का कारण क्या था?
करूर भगदड़ का कारण भीड़ की अधिक संख्या और सुरक्षा उपायों में लापरवाही थी।
इस घटना में कितने लोग प्रभावित हुए?
इस घटना में 41 लोगों की मौत हुई और लगभग 60 लोग घायल हुए।
मुख्यमंत्री ने क्या कदम उठाए?
मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की और घटना की जांच की बात की।
कौन-कौन से नेता इस मामले में शामिल हैं?
टीवीके के दो वरिष्ठ नेता वी. पी. मथियालगन और कासी पोनराज इस मामले में शामिल हैं।
सरकार ने जांच के लिए किसे नियुक्त किया है?
सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरुणा जगदीशन को एक सदस्यीय जांच आयोग का प्रमुख नियुक्त किया है।