क्या सबरीमाला स्वर्ण चोरी मामले की जांच में दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी बाधा डाल रहे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- नेता प्रतिपक्ष का आरोप है कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी जांच में बाधा डाल रहे हैं।
- एसआईटी की जांच में रुकावट आई है, जो जनहित के लिए गंभीर है।
- सरकार को पारदर्शिता से काम करना चाहिए।
- यह मामला राजनीतिक रूप से संवेदनशील है।
- यूडीएफ ने चेतावनी दी है कि स्थिति नहीं सुधरी तो वे अभियान तेज करेंगे।
तिरुवनंतपुरम, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष वी. डी. सतीशन ने सबरीमाला स्वर्ण चोरी मामले की जांच में बाधा डालने का आरोप दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर लगाया है। उनके अनुसार, ये अधिकारी जानबूझकर एसआईटी के कार्य में हस्तक्षेप कर रहे हैं।
सतीशन का कहना है कि एसआईटी जांच, जिससे निर्णायक प्रगति की उम्मीद थी, अब रुक गई है।
उनके अनुसार, यह ठहराव साक्ष्यों की कमी या प्रक्रियात्मक बाधाओं के कारण नहीं, बल्कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप के कारण है।
उन्होंने आरोप लगाया, "कुछ समय से एसआईटी जांच एक डेड एंड पर पहुंच गई है। दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी जांच प्रक्रिया को बाधित करने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं।"
विपक्ष के नेता ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने अब तक जनहित में संयम बरता है, लेकिन चेतावनी दी कि "अब सब्र खत्म हो रहा है।"
सतीशन ने कहा, "इस समय, मैं इन अधिकारियों को चेतावनी देना चाहता हूं कि वे ऐसे कामों से बाज आएं। अगर वे अपनी आदतें नहीं सुधारते हैं, तो हमें सार्वजनिक रूप से उनके नाम बताने पड़ेंगे।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह मुद्दा अब कोई आंतरिक प्रशासनिक मामला नहीं है, बल्कि जनता की जवाबदेही का मामला है।
सतीशन ने पिनाराई विजयन सरकार पर प्रभावशाली लोगों को बचाने और सबरीमाला चढ़ावे से जुड़े कथित सोने की तस्करी और चोरी की स्वतंत्र और विश्वसनीय जांच सुनिश्चित करने में विफल रहने का आरोप लगाया।
उन्होंने विपक्ष के लंबे समय से चले आ रहे आरोप को दोहराया कि इस मामले में कई स्तरों पर गंभीर चूक हुई है, और मांग की कि जांच को बिना किसी दबाव या हेरफेर के आगे बढ़ने दिया जाए।
यह मामला राजनीतिक रूप से संवेदनशील रहा है, जिसमें विपक्ष ने बार-बार सिस्टम की विफलता और जांच को पटरी से उतारने की कोशिशों का आरोप लगाया है।
सतीशन ने कहा कि "सीनियर पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आरोपों के बावजूद सरकार की चुप्पी ने जनता के संदेह को और गहरा कर दिया है।"
उन्होंने कहा, "अगर सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एसआईटी स्वतंत्र रूप से और पारदर्शी तरीके से काम करे।"
विपक्ष के नेता ने यह साफ कर दिया कि अगर जांच में ठहराव जारी रहा तो यूडीएफ अपना अभियान तेज करेगा।