क्या ओडिशा में पॉक्सो केस में आरोपी को 20 साल की सजा मिली?
सारांश
Key Takeaways
- ओडिशा में बच्चों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम।
- 20 साल की सजा ने न्याय की एक मिसाल कायम की है।
- मुआवजा पीड़िता के लिए एक राहत का स्रोत होगा।
- समाज में बच्चों के खिलाफ अपराधों की गंभीरता को पहचानने की आवश्यकता।
- कानूनी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता।
भुवनेश्वर, 30 अक्टूबर (आईएएनएल)। ओडिशा के बरगढ़ जिले की एक अदालत ने गुरुवार को एक व्यक्ति को 2022 में पाइकमाल पुलिस स्टेशन क्षेत्र में शादी का झूठा वादा कर 16 साल की लड़की का बार-बार यौन शोषण करने के आरोप में 20 साल की सजा सुनाई।
दोषी की पहचान सरोज बरिहा (21) के रूप में हुई है, जिसे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376(2)(एन) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 6 के तहत दोषी ठहराया गया।
रिपोर्टों के अनुसार, 21 फरवरी 2022 को पीड़िता अपने माता-पिता के साथ पुलिस स्टेशन पहुंची और एक रिपोर्ट दर्ज कराई। उसने आरोप लगाया कि उसके गांव के सरोज बरिहा ने फरवरी 2021 से जनवरी 2022 के बीच, शादी का झूठा वादा करके एक साल से अधिक समय तक उसके साथ बार-बार यौन दुर्व्यवहार किया।
रिपोर्ट में पीड़िता ने बताया कि जब वह गर्भवती हो गई, तो आरोपी सरोज गांव छोड़कर भाग गया और अपना मोबाइल फोन भी बंद कर दिया।
बाद में, पीड़िता ने अपनी मां को सारी घटना बताई और गांव में एक बैठक आयोजित की गई, लेकिन आरोपी सरोज के माता-पिता ने पीड़िता को सहायता देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। इसलिए, पीड़िता ने आरोपी सरोज के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए पाइकमाल पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया।
इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद, बरगढ़ पुलिस ने 27 जून 2022 को आरोपी सरोज को गिरफ्तार किया।
साक्ष्यों और अन्य गवाहों की जांच के बाद, अदालत ने गुरुवार को सरोज को नाबालिग लड़की का यौन शोषण करने का दोषी मानते हुए 20 साल की सजा सुनाई।
अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़िता को 11 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश भी दिया।
पॉक्सो केस में एक और महत्वपूर्ण फैसले में, अंगुल जिले की एक अदालत ने बुधवार को एक 20 वर्षीय युवक को 19 अगस्त 2024 को अपनी भाभी की आठ साल की बेटी का यौन शोषण करने के लिए 25 साल की कठोर सजा सुनाई थी।