क्या ओडिशा सतर्कता विभाग ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में वन अधिकारी को गिरफ्तार किया?
सारांश
Key Takeaways
- भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई
- वन अधिकारी की गिरफ्तारी
- संपत्ति की जांच
- सरकारी कर्मचारियों की जिम्मेदारी
- सतर्कता विभाग की भूमिका
भुवनेश्वर, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा का सतर्कता विभाग राज्य में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए सक्रिय है। इसी सिलसिले में रविवार को एक और वरिष्ठ अधिकारी को उनके आय के ज्ञात स्रोतों से 232 प्रतिशत अधिक संपत्ति जमा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
आरोपी की पहचान राजेंद्र कुमार सामंतराय के रूप में हुई है, जो जगतसिंहपुर जिले के रहमा वन रेंज में वन रेंज अधिकारी हैं। आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में, ओडिशा सतर्कता विभाग ने शनिवार को सामंतराय से संबंधित विभिन्न संपत्तियों की पहचान के लिए तलाशी अभियान चलाया।
इस तलाशी अभियान में ओडिशा सतर्कता विभाग की चार टीमों ने भाग लिया, जिनमें दो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, पांच उप पुलिस अधीक्षक, आठ निरीक्षक और अन्य सहायक कर्मचारी शामिल थे। यह कार्रवाई कटक स्थित विशेष सतर्कता न्यायाधीश की अदालत से जारी तलाशी वारंट के आधार पर की गई।
जिन स्थानों पर तलाशी ली गई, उनमें चटारा स्थित एक तिमंजिला आवासीय भवन, उनके पैतृक गांव में स्थित एक दो मंजिला भवन, संपुर वन रेंज में उनका कार्यालय और कटक वन प्रभाग के अंतर्गत जगतसिंहपुर वन रेंज परिसर में स्थित एक सरकारी क्वार्टर शामिल थे।
तलाशी के दौरान एंटी करप्शन अधिकारियों ने सामंतराय और उनके परिवार के सदस्यों के पास करोड़ों रुपए की संपत्ति बरामद की। बरामद संपत्तियों में एक आलीशान बहुमंजिला भवन, पांच मूल्यवान भूखंड, 3.69 लाख रुपए नकद, 250 ग्राम सोना और 80.68 लाख रुपए की बैंक जमा राशि आदि शामिल थीं।
सतर्कता विभाग के अनुसार, तलाशी और पूछताछ के बाद आरोपी की व्यय और संपत्ति का आकलन किया गया और पाया गया कि उनके पास आय के ज्ञात स्रोतों से 232 प्रतिशत अधिक अनुपातहीन संपत्ति थी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, ओडिशा सतर्कता विभाग ने पिछले 18 महीनों में रिश्वतखोरी के मामलों में रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद 20 पुलिस अधिकारियों सहित 271 सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है।