क्या अमरनाथ यात्रा में 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए?

सारांश
Key Takeaways
- अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है।
- उपराज्यपाल ने सुरक्षा और व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
- यात्रा के लिए विशेष सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं।
- बच्चों और वृद्धों के लिए यात्रा में विशेष ध्यान रखा गया है।
- कश्मीर की खूबसूरती और धार्मिक आस्था का संगम है यह यात्रा।
श्रीनगर, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमरनाथ यात्रा को लेकर भक्तों में अद्भुत उमंग देखने को मिल रही है। 18 दिनों में तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए।
3 जुलाई से आरंभ हुई यह यात्रा 9 अगस्त को समाप्त होगी। यात्रा में अभी 20 दिन बाकी हैं।
अधिकारियों के अनुसार, रविवार तक 3.07 लाख तीर्थयात्रियों ने पवित्र गुफा मंदिर के दर्शन कर लिए थे।
सोमवार को भगवती नगर यात्री निवास से 3,791 यात्रियों का एक और जत्था कश्मीर घाटी के लिए दो काफिलों में रवाना हुआ। पहला काफिला 52 वाहनों के साथ 1,208 यात्रियों को लेकर सुबह 3:33 बजे बालटाल बेस कैंप के लिए निकला। दूसरा काफिला 96 वाहनों के साथ 2,583 यात्रियों को लेकर सुबह 4:06 बजे पहलगाम बेस कैंप के लिए रवाना हुआ।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जो श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अध्यक्ष भी हैं, ने रविवार को बालटाल आधार शिविर का दौरा किया।
उपराज्यपाल ने यात्रा के सुचारू संचालन के लिए किए गए प्रबंधों की समीक्षा के लिए अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने बालटाल में एक 'लंगर' (सामुदायिक रसोई) में यात्रियों के साथ दोपहर का भोजन किया। इस दौरान उपराज्यपाल ने यात्रियों से बातचीत भी की।
उपराज्यपाल ने यात्रा के लिए की गई सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त किया।
अमरनाथ यात्रा के लिए प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यह यात्रा पहलगाम हमले के बाद हो रही है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी।
180 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा ताकत बढ़ाने के लिए लाया गया है। जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से गुफा मंदिर तक के पूरे रास्ते और दोनों आधार शिविरों के रास्ते में सभी पारगमन शिविरों को सुरक्षा बलों ने सुरक्षित कर लिया है।
पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वाले लोग चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी से होकर गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं और 46 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करते हैं।
तीर्थयात्रियों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं। वहीं, छोटे बालटाल मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है और यात्रा पूरी करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौटना पड़ता है। सुरक्षा कारणों से इस वर्ष यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है।
श्री अमरनाथ जी यात्रा भक्तों के लिए सबसे पवित्र धार्मिक तीर्थयात्राओं में से एक है, क्योंकि किंवदंती है कि भगवान शिव ने इस गुफा के अंदर माता पार्वती को शाश्वत जीवन और अमरता के रहस्य बताए थे।