क्या राजस्थान में स्वास्थ्य विभाग ने दवाओं के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं?

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क्या राजस्थान में स्वास्थ्य विभाग ने दवाओं के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं?

सारांश

राजस्थान स्वास्थ्य विभाग ने दवाओं के सुरक्षित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। पंजीकृत डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लें और आत्म-चिकित्सा से बचें। जागरूकता बढ़ाने के लिए टीमें घर-घर सर्वे करेंगी। जानें कैसे इन्हें लागू किया जाएगा।

Key Takeaways

  • दवाएं केवल पंजीकृत डॉक्टर की सलाह पर लें।
  • स्वयं दवा लेने से बचें।
  • बच्चों को दवाएं बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
  • दवा की सही मात्रा और संभावित दुष्प्रभावों की जानकारी लें।
  • गंभीर दुष्प्रभाव की स्थिति में हेल्पलाइन पर संपर्क करें।

जयपुर, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के अंतर्गत दवाओं के सुरक्षित उपयोग को सुनिश्चित करने और प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं को रोकने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौर ने स्पष्ट किया कि दवाएं केवल पंजीकृत डॉक्टर की सलाह पर ली जानी चाहिए और स्वयं दवा लेने (सेल्फ-मेडिकेशन) से बचना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि बिना उचित परामर्श के दवा वितरण या सेवन करने पर जिम्मेदारी तय की जाएगी।

राज्यभर में जनजागरूकता बढ़ाने के लिए शनिवार से आशा, एएनएम और सीएचओ टीमें घर-घर जाकर सर्वे करेंगी। ये टीमें लोगों को चिकित्सकीय परामर्श लेने, दवाओं को बच्चों की पहुँच से दूर रखने और निर्धारित मात्रा में दवा सेवन करने के बारे में जागरूक करेंगी।

हाल ही में बच्चों द्वारा बिना पर्ची के कफ सिरप लेने के बाद गंभीर दुष्प्रभावों की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए राठौर ने कहा कि फार्मासिस्ट बिना पर्ची के दवाएं न दें और डॉक्टरों को सभी प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए।

उन्होंने निर्देश दिया कि मरीजों और उनके परिजनों को दवा की सही मात्रा, सेवन की आवृत्ति और संभावित दुष्प्रभावों की स्पष्ट जानकारी दी जाए।

राठौर ने बताया कि मानसून के बाद खांसी, सर्दी और बुखार के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। डॉक्टरों को आयु-विशेष पर्चे के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के मिशन निदेशक डॉ. अमित यादव ने कहा कि चार वर्ष से कम आयु के बच्चों को डेक्स्ट्रोमॉर्फन युक्त दवाएं नहीं दी जानी चाहिए। लोगों को पुरानी या बची हुई दवाओं का बिना चिकित्सकीय सलाह के उपयोग करने से बचने की अपील की गई है।

गंभीर दुष्प्रभाव जैसे सांस लेने में तकलीफ, बेहोशी, उल्टी या दौरे पड़ने की स्थिति में तुरंत हेल्पलाइन 104/108 या राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम (0141-2225624) पर संपर्क करने की सलाह दी गई है।

निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने चिकित्सकों को पर्चे पर स्पष्ट रूप से दवा की मात्रा और समय लिखने तथा मरीजों को समझाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर आरसीएच की निदेशक डॉ. मधु रतेश्वर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

Point of View

बल्कि दुष्प्रभावों से भी बचा जा सकेगा। यह कदम स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाया गया एक सकारात्मक कदम है।
NationPress
03/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या मुझे बिना डॉक्टर की सलाह पर दवा लेनी चाहिए?
नहीं, बिना डॉक्टर की सलाह पर दवा लेना खतरनाक हो सकता है। हमेशा पंजीकृत डॉक्टर की सलाह लें।
अगर मुझे दवा का दुष्प्रभाव होता है, तो मुझे क्या करना चाहिए?
तुरंत हेल्पलाइन 104/108 पर संपर्क करें या नजदीकी अस्पताल जाएं।
क्या बच्चों को बिना पर्ची के दवा दी जा सकती है?
बिल्कुल नहीं, बच्चों को बिना पर्ची के दवा नहीं दी जानी चाहिए।
राजस्थान स्वास्थ्य विभाग के नए निर्देशों का उद्देश्य क्या है?
इन निर्देशों का उद्देश्य दवाओं के सुरक्षित उपयोग को सुनिश्चित करना और दुष्प्रभावों को रोकना है।
क्या मुझे पुरानी दवाएं बिना चिकित्सकीय सलाह के लेनी चाहिए?
नहीं, पुरानी दवाएं बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेनी चाहिए।