क्या विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रिक स्विट्जर से मुलाकात की?
सारांश
Key Takeaways
- विदेश सचिव विक्रम मिस्री और रिक स्विट्जर के बीच महत्वपूर्ण चर्चा हुई।
- भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की संभावनाएँ बढ़ी हैं।
- बातचीत में रेसिप्रोकल टैरिफ पर भी चर्चा हुई।
- 2025 तक व्यापार समझौते के पहले चरण का लक्ष्य है।
- भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में कदम।
नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में मौजूद अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य रिक स्विट्जर ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री से बातचीत की है।
यह मुलाकात वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधिकारियों के साथ होने वाली बातचीत से पहले हुई, जिसमें भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर चर्चा होने की संभावना है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, मिस्री के साथ की गई इस चर्चा में भारत-अमेरिका की व्यापक आर्थिक एवं तकनीकी साझेदारी और चल रही व्यापार वार्ताओं पर विचार किया गया।
विदेश मंत्रालय ने एक पोस्ट में कहा, "विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने अमेरिकी उप व्यापार प्रतिनिधि रिक स्विट्जर से मुलाकात की। चर्चा में भारत-अमेरिका की मजबूत आर्थिक और तकनीकी साझेदारी, चल रही व्यापार वार्ता और दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाने के अवसरों पर बात की गई।"
हाल ही में नियुक्त स्विट्जर और भारत व्यापार समझौते के मुख्य वार्ताकार ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में आए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की यात्रा ने भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की संभावना को नई दिशा दी है।
इससे पहले, वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा था कि भारत को उम्मीद है कि इस वर्ष के अंत तक अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के पहले चरण पर हस्ताक्षर होंगे, क्योंकि अधिकांश मुद्दे सुलझ चुके हैं।
अग्रवाल ने जानकारी दी कि भारत अमेरिका के साथ व्यापारिक समझौते को लेकर उत्साहित है, लेकिन कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ भारत समझौता नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि उनकी प्रतिबद्धता है कि 2025 तक भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक समझौते का पहला चरण पूरा हो जाए, और अब चीजें काफी आगे बढ़ चुकी हैं।
अग्रवाल ने कहा कि मंत्रालय बीटीए के लिए अमेरिका के साथ बातचीत कर रहा है और रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर भी चर्चा हुई है।
उन्होंने कहा कि जब अमेरिका की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ हटा दिए जाएंगे, तो यह व्यापार समझौता भारतीय निर्यात के लिए लाभकारी होगा।