क्या आईबी अधिकारी अंकित शर्मा हत्याकांड में ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज हुई?

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क्या आईबी अधिकारी अंकित शर्मा हत्याकांड में ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज हुई?

सारांश

दिल्ली हाईकोर्ट ने आईबी अधिकारी अंकित शर्मा हत्या मामले में आरोपी पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। सुनवाई में पुलिस ने गवाहों पर दबाव डालने की आशंका व्यक्त की। जानिए इस संवेदनशील मामले की पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज की।
  • गवाहों पर दबाव डालने की आशंका ने निर्णय को प्रभावित किया।
  • अंकित शर्मा की हत्या की घटना 2020 में हुई थी।
  • ताहिर हुसैन के खिलाफ गंभीर आरोप हैं।
  • कानूनी प्रक्रिया में गवाहों और सबूतों की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली, 25 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने वर्ष 2020 में हुए दिल्ली दंगा मामले में आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के आरोपी और पूर्व पार्षद मोहम्मद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

दिल्ली हाईकोर्ट में गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि जमानत देने से गवाहों के प्रभावित होने की आशंका बनी रह सकती है। इसके बाद कोर्ट ने ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज कर दी।

फरवरी 2020 में दिल्ली दंगों के दौरान आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की बर्बरता से हत्या की गई थी। इस मामले में ताहिर हुसैन को मुख्य आरोपी बनाया गया है। सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन के वकील ने यह दलील दी कि वह पिछले पांच साल से जेल में हैं।

इस मामले में कई अन्य आरोपियों को पहले से ही जमानत मिल चुकी है और कुछ गवाहों ने उनके पक्ष में बयान भी दिया है, लेकिन निचली अदालत ने इन तथ्यों का ध्यान नहीं रखा।

दिल्ली पुलिस ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि ताहिर हुसैन एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं। यदि उन्हें जमानत दी गई, तो गवाहों पर दबाव डालने और उन्हें प्रभावित करने का गंभीर खतरा हो सकता है। पुलिस ने अदालत को बताया कि इस संवेदनशील मामले में सबूतों और गवाहों की सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए ताहिर हुसैन की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।

गौरतलब है कि 2020 में हुए दंगों के दौरान चांद बाग पुलिया के पास भीड़ ने अंकित शर्मा की बेरहमी से हत्या कर दी थी। हत्या के बाद मृतक का शव चांद बाग नाले में फेंक दिया गया था, जिसे अगले दिन बरामद किया गया था। इस मामले में दयालपुर थाने में मामला दर्ज किया गया था।

जांच के दौरान आम आदमी पार्टी के तत्कालीन पार्षद ताहिर हुसैन समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, अंकित शर्मा के शरीर पर धारदार हथियार से कई बार वार किया गया था।

Point of View

यह स्पष्ट है कि न्यायालयों का निर्णय हमेशा तथ्यों और साक्ष्यों पर आधारित होना चाहिए। ताहिर हुसैन की जमानत याचिका का खारिज होना यह दर्शाता है कि कानून सभी के लिए समान है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जघन्य अपराधों के मामलों में गवाहों और सबूतों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता हो।
NationPress
25/09/2025

Frequently Asked Questions

ताहिर हुसैन की जमानत याचिका क्यों खारिज हुई?
दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत याचिका को खारिज किया क्योंकि पुलिस ने गवाहों पर दबाव डालने की आशंका जताई थी।
क्या ताहिर हुसैन पहले भी गिरफ्तार हुए थे?
हाँ, ताहिर हुसैन को इस मामले में पहले गिरफ्तार किया गया था।
आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या कब हुई थी?
आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या फरवरी 2020 में हुई थी।