क्या इग्नू ने ओड़िया भाषा में 'प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल डिप्लोमा' लॉन्च किया?

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क्या इग्नू ने ओड़िया भाषा में 'प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल डिप्लोमा' लॉन्च किया?

सारांश

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने ओड़िया भाषा में 'प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा डिप्लोमा' (डीईसीसीई) को लॉन्च किया, जो क्षेत्रीय भाषाओं में उच्च शिक्षा को सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जानिए इसके फायदे और भविष्य की योजनाएं।

Key Takeaways

  • इग्नू ने ओड़िया भाषा में डीईसीसीई लॉन्च किया है।
  • यह पहल मातृभाषा में शिक्षा को बढ़ावा देती है।
  • ओडिशा के 41,000 विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।
  • भविष्य में अन्य पाठ्यक्रमों का भी अनुवाद होगा।
  • यह नई शिक्षा नीति के अनुरूप है।

भुवनेश्वर, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने ओड़िया भाषा में 'प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा डिप्लोमा' (डीईसीसीई) का शुभारंभ किया है। यह कदम उच्च शिक्षा को क्षेत्रीय भाषाओं में सुलभ बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।

इग्नू की कुलपति प्रोफेसर उमा कंजिलाल ने कहा कि ओड़िया में डिप्लोमा शुरू करना एक मील का पत्थर है। उन्होंने बताया कि 9 जून को ओडिशा उच्च शिक्षा विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसका उद्देश्य इग्नू के 333 शैक्षिक कार्यक्रमों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करना है।

प्रो. कंजिलाल ने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि सभी 22 अनुसूचित भाषाओं में अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई जाए। ओड़िया में यह डिप्लोमा केवल शुरुआत है। भविष्य में और भी कोर्स क्षेत्रीय भाषाओं में जोड़े जाएंगे।" उन्होंने ओडिशा सरकार का सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया।

इस डिप्लोमा के ओड़िया संस्करण का शुभारंभ एक कार्यक्रम में किया गया, जिसमें ओडिशा के उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज और उप मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहे।

मंत्री सूरज ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह मातृभाषा में शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय है।

उन्होंने बताया कि ओडिशा सरकार और इग्नू के बीच हुए एमओयू के तहत तय किया गया था कि सौ दिनों के भीतर डीईसीसीई कोर्स सामग्री का ओड़िया में अनुवाद कर लॉन्च किया जाएगा, जिसे अब सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। अब ओडिशा के 41,000 से अधिक विद्यार्थी, जो पहले यह कोर्स हिंदी या अंग्रेजी में पढ़ रहे थे, उन्हें ओड़िया में पढ़ने का विकल्प मिलेगा। विशेष रूप से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और प्री-स्कूल शिक्षकों को इससे सीधा लाभ होगा।

मंत्री सूरज ने कहा कि यह पहल नई शिक्षा नीति (नेप) के अनुरूप है, जो मातृभाषा में शिक्षा को बढ़ावा देती है। उन्होंने कहा, "इससे छोटे बच्चों की देखभाल और शिक्षा में गुणवत्ता आएगी और राज्य तथा देश के विकास में योगदान मिलेगा।"

उन्होंने यह भी बताया कि इग्नू और ओडिशा सरकार की यह साझेदारी केवल डीईसीसीई तक सीमित नहीं है। भविष्य में इग्नू के अन्य डिप्लोमा, प्रमाणपत्र और डिग्री पाठ्यक्रमों का भी ओड़िया और ओडिशा की अन्य स्थानीय भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा।

Point of View

यह स्पष्ट है कि इग्नू की यह पहल केवल शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा नहीं दे रही, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और भाषाई विविधता को भी सशक्त बना रही है। मातृभाषा में शिक्षा से न केवल बच्चों की बौद्धिक विकास होगा, बल्कि यह समाज में एकजुटता और सांस्कृतिक समृद्धि को भी बढ़ावा देगा।
NationPress
18/08/2025

Frequently Asked Questions

इग्नू का डिप्लोमा कब लॉन्च हुआ?
इग्नू ने ओड़िया भाषा में 'प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा डिप्लोमा' को 18 अगस्त को लॉन्च किया।
इस डिप्लोमा का उद्देश्य क्या है?
इस डिप्लोमा का उद्देश्य मातृभाषा में शिक्षा को बढ़ावा देना और उच्च शिक्षा को क्षेत्रीय भाषाओं में सुलभ बनाना है।
ओडिशा के कितने विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा?
ओडिशा के 41,000 से अधिक विद्यार्थी इस डिप्लोमा का लाभ उठा सकेंगे।
इस पहल का भविष्य क्या है?
भविष्य में इग्नू के अन्य डिप्लोमा, प्रमाणपत्र और डिग्री पाठ्यक्रमों का भी ओड़िया और अन्य स्थानीय भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा।
इस पहल के पीछे कौन सी नीति है?
यह पहल नई शिक्षा नीति (नेप) के अनुरूप है, जो मातृभाषा में शिक्षा को बढ़ावा देती है।