क्या आईआईटी कानपुर ने नवाचार और राष्ट्रनिर्माण के नए संकल्पों के साथ 66 वर्ष पूरे किए?

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क्या आईआईटी कानपुर ने नवाचार और राष्ट्रनिर्माण के नए संकल्पों के साथ 66 वर्ष पूरे किए?

सारांश

आईआईटी कानपुर ने 66वें स्थापना दिवस पर तकनीकी उत्कृष्टता और नवाचार की गौरवशाली परंपरा का जश्न मनाया। इस अवसर पर, संस्थान ने भविष्य के लिए नए संकल्पों का ऐलान किया है। जानें इस विशेष समारोह की प्रमुख बातें और आईआईटी कानपुर की वैश्विक भूमिका के बारे में।

Key Takeaways

  • आईआईटी कानपुर का स्थापना दिवस 66वें वर्ष में प्रवेश करता है।
  • नवाचार और अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
  • मुख्य अतिथि आदिल जैनुलभाई ने तकनीकी उत्कृष्टता की सराहना की।
  • 21 पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया गया।
  • भविष्य की दिशा को निर्धारित करने के लिए नए संकल्पों का ऐलान किया गया।

कानपुर, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर ने रविवार को अपने 66वें स्थापना दिवस पर तकनीकी उत्कृष्टता, अनुसंधान और नवाचार की समृद्ध परंपरा का उत्सव मनाया। देश के प्रमुख प्रौद्योगिकी संस्थानों में से एक, आईआईटी कानपुर ने इस खास अवसर को न केवल अपनी उपलब्धियों को याद करने का अवसर बनाया, बल्कि विकसित भारत के लक्ष्य के अनुरूप ज्ञान, अनुसंधान और उद्यमिता के नए संकल्पों के साथ भविष्य की दिशा को भी निर्धारित किया।

मुख्य अतिथि के रूप में आईआईटी रोपड़ और आईआईटी गोवा के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष आदिल जैनुलभाई ने समारोह में भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ जैनुलभाई और आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इस अवसर पर उप निदेशक प्रो. ब्रज भूषण, अधिष्ठाता प्रो. अमेय करकरे, प्रो. जितेंद्र के. बेरा, संकाय सदस्य, छात्र और पूर्व छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

स्वागत भाषण में प्रो. अग्रवाल ने संस्थान की नवीनतम पहलों को साझा किया, जिसमें वाधवानी स्कूल ऑफ एआई एंड इंटेलिजेंट सिस्टम्स की स्थापना, कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी भवन की आधारशिला और ट्रांसलेशनल अनुसंधान पर संस्थान का विशेष ध्यान शामिल है, जो आईआईटी कानपुर की वैश्विक भूमिका को नई दिशा दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह दिन केवल अतीत का उत्सव नहीं, बल्कि भविष्य की नवाचारी यात्रा का आरंभ है।

मुख्य अतिथि आदिल जैनुलभाई ने कहा कि आईआईटी कानपुर तकनीकी उत्कृष्टता का प्रतीक है। इसके विद्यार्थी और पूर्व छात्र भारत की विकास यात्रा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। आने वाले वर्षों में यह संस्थान नवाचार और आर्थिक प्रगति का इंजन बनेगा। कार्यक्रम में 21 पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया गया, जिनमें संस्थान फेलो, विशिष्ट पूर्व छात्र, विशिष्ट सेवा और युवा पूर्व छात्र पुरस्कार शामिल हैं।

समापन प्रो. ब्रज भूषण के धन्यवाद ज्ञापन और राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसने आईआईटी कानपुर की नवाचार, उत्कृष्टता और राष्ट्र सेवा की अटूट भावना को पुनः रेखांकित किया।

Point of View

बल्कि यह हमारे देश के भविष्य की तकनीकी दिशा को निर्धारित करने का एक महत्वपूर्ण क्षण है। यह संस्थान न केवल तकनीकी शिक्षा में उत्कृष्टता का प्रतीक है, बल्कि यह नवाचार और उद्यमिता के जरिए राष्ट्र की प्रगति में भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
NationPress
03/11/2025

Frequently Asked Questions

आईआईटी कानपुर का स्थापना दिवस कब मनाया जाता है?
आईआईटी कानपुर का स्थापना दिवस हर वर्ष 2 नवंबर को मनाया जाता है।
आईआईटी कानपुर की प्रमुख पहलों में क्या शामिल हैं?
आईआईटी कानपुर में वाधवानी स्कूल ऑफ एआई एंड इंटेलिजेंट सिस्टम्स और कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी भवन की स्थापना जैसी कई प्रमुख पहलों का ऐलान किया गया है।
इस वर्ष के समारोह में कौन-कौन शामिल हुए?
इस वर्ष के समारोह में आईआईटी रोपड़ और आईआईटी गोवा के अध्यक्ष आदिल जैनुलभाई, निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल, उप निदेशक प्रो. ब्रज भूषण सहित कई प्रमुख हस्तियाँ शामिल हुईं।