क्या इंडी गठबंधन की बैठक में नई रणनीति तय की गई है, 'ऑपरेशन सिंदूर' और 'एसआईआर' के मुद्दों पर सरकार का घेराव होगा?

सारांश
Key Takeaways
- इंडी गठबंधन ने सरकार पर दबाव बनाने का निर्णय लिया।
- महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए समय निर्धारित किया गया है।
- संसद में विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तीखी बहस की संभावना है।
- 'ऑपरेशन सिंदूर' पर लंबी चर्चा की जाएगी।
- प्रधानमंत्री को सदन में सवालों के जवाब देने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। संसद का मानसून सत्र चल रहा है। इस क्रम में, इंडी गठबंधन के नेताओं ने मंगलवार को संसद भवन परिसर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसमें मानसून सत्र के लिए रणनीति बनाई गई और विपक्ष द्वारा सदन में उठाए जाने वाले प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई। गठबंधन ने यह तय किया कि वे सरकार पर दबाव बनाएंगे और महत्वपूर्ण मुद्दों को जोर-शोर से उठाएंगे।
इस बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और गठबंधन के अन्य प्रमुख सांसद शामिल हुए।
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर बैठक से जुड़ी कुछ तस्वीरें साझा की। इसमें बताया गया कि आज पार्लियामेंट हाउस कॉम्प्लेक्स में इंडी गठबंधन के फ्लोर लीडर्स की बैठक हुई।
कांग्रेस ने कहा कि मानसून सत्र में विपक्ष कई महत्वपूर्ण मुद्दों को सदन में उठाएगा, जिनमें पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर, युद्धविराम से जुड़ी बातें, ट्रंप के बयान, बिहार में एसआईआर के नाम पर वोटबंदी, विदेश नीति (पाक, चीन, गाजा), डिलिमिटेशन का मुद्दा, और दलित, पिछड़े, आदिवासी, महिला और अल्पसंख्यक वर्गों पर अत्याचार शामिल हैं। प्रधानमंत्री को सदन में आकर इन मुद्दों पर जवाब देना चाहिए।
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से प्रारंभ हो चुका है और यह 21 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तीखी बहस की संभावना है।
संसद के मानसून सत्र के पहले दिन बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक हुई थी, जिसमें विभिन्न विधेयकों और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए समय निर्धारित किया गया। 'ऑपरेशन सिंदूर' पर लोकसभा में 16 घंटे और राज्यसभा में 9 घंटे की चर्चा के लिए सहमति बनी है। इसके अलावा, 'भारतीय डाक विधेयक' पर लोकसभा में 3 घंटे की चर्चा का समय तय किया गया है।