क्या इंडिया ब्लॉक संसद के मानसून सत्र से पहले एकजुट हुआ?

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क्या इंडिया ब्लॉक संसद के मानसून सत्र से पहले एकजुट हुआ?

सारांश

इंडिया ब्लॉक के 24 दलों के नेताओं ने संसद के मानसून सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर सहमति जताई। क्या यह एक नई राजनीतिक दिशा की ओर इशारा करता है? जानिए बैठक के महत्वपूर्ण बिंदु।

Key Takeaways

  • इंडिया ब्लॉक के 24 दलों का एकजुट होना महत्वपूर्ण है।
  • बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति पर गहरी चिंता व्यक्त की गई।
  • सदस्यों ने लोकतंत्र की स्थिति पर भी चिंता जताई।
  • बैठक में विभिन्न दलों ने समस्याओं पर विचार साझा किए।
  • अगली बैठक जल्द ही आयोजित की जाएगी।

नई दिल्ली, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। इंडिया ब्लॉक में शामिल 24 दलों के प्रमुख नेताओं ने सोमवार से आरंभ हो रहे संसद के मानसून सत्र में चर्चा किए जाने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति जताई।

शनिवार को इंडिया ब्लॉक की एक वर्चुअल बैठक हुई, जिसमें 24 दलों के नेताओं और प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, एनसीपी (एसपी) नेता शरद पवार, राजद नेता तेजस्वी यादव, जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे और अन्य शामिल हुए।

बैठक के उपरांत कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने मीडिया से कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता पर सभी दलों में एकमतता थी। भाजपा शासन में इस पर समझौता किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इंडिया ब्लॉक के सदस्यों ने पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों को पकड़ने में सरकार की विफलता पर चिंता व्यक्त की। हमले के लगभग तीन महीने बाद भी आतंकवादियों का कोई सुराग नहीं मिला।

तिवारी ने बताया कि सदस्यों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों पर चिंता व्यक्त की, जिन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर में मध्यस्थता का दावा किया है। ट्रंप अब तक 24 बार ये दावे कर चुके हैं। अब प्रधानमंत्री मोदी को इस पर उत्तर देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सदस्यों ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के माध्यम से लोकतंत्र को खतरे में डालने के प्रयासों पर ध्यान दिया, जहां भाजपा की पसंद के अनुसार मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जा रहे हैं। ऐसा महसूस किया जा रहा है कि एक अघोषित आपातकाल है, जिसके दौरान मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं।

प्रमोद तिवारी ने कहा कि इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने भारत की विदेश नीति की सभी मोर्चों पर विफलता पर भी कड़ी आपत्ति जताई, चाहे वह पाकिस्तान हो, चीन हो या गाजा। सदस्यों ने इस बात पर भी जोर दिया कि जब ये मुद्दे चर्चा के लिए आएं तो प्रधानमंत्री को उपस्थित रहना चाहिए और सभी सवालों का उत्तर देना चाहिए।

उन्होंने बताया कि सदस्यों ने परिसीमन, अनुसूचित जातियों, जनजातियों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार जैसे मुद्दों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान अन्य मुद्दों, विशेषकर क्षेत्रीय मुद्दों को उठाने की हमेशा गुंजाइश रहेगी। इंडिया ब्लॉक के सदस्यों की अगली बैठक भी जल्द ही आयोजित की जाएगी। बैठक एक स्वतंत्र, स्पष्ट और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई, जहां सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों पर विचार और सुझाव दिए।

इस बैठक में भाग लेने वाले दलों में कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, समाजवादी पार्टी, राजद, एनसीपी (एसपी), शिवसेना (यूबीटी), सीपीएम, सीपीआई, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, सीपीआई-एमएल, जेएमएम, आईयूएमएल, केसी (एम), एमडीएमके, वीसीके, आरएसपी, केसी (जे), केएमडीके, एआईएफबी, एमएमके, पीडब्ल्यूपी और आरएलपी शामिल थे।

Point of View

हमें यह मानना चाहिए कि इंडिया ब्लॉक का एकजुट होना देश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव हो सकता है। यह विभिन्न दलों की एकजुटता और साझा चिंताओं का प्रतीक है, जो भविष्य में राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकता है।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

इंडिया ब्लॉक में कौन-कौन से दल शामिल हैं?
इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, समाजवादी पार्टी, राजद, एनसीपी (एसपी), शिवसेना (यूबीटी), सीपीएम, सीपीआई, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, सीपीआई-एमएल, जेएमएम, आईयूएमएल, केसी (एम), एमडीएमके, वीसीके, आरएसपी, केसी (जे), केएमडीके, एआईएफबी, एमएमके, पीडब्ल्यूपी और आरएलपी शामिल हैं।
बैठक में प्रमुख मुद्दे क्या थे?
बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, लोकतंत्र की स्थिति, और बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण पर चर्चा की गई।
क्या इस बैठक का संसद के मानसून सत्र पर कोई प्रभाव पड़ेगा?
हां, इस बैठक में उठाए गए मुद्दे संसद के मानसून सत्र में प्रमुखता से उठाए जा सकते हैं।