क्या इंडियन ऑयल 36,000 रिटेल आउटलेट्स पर सौर ऊर्जा का कर रहा है उपयोग? : हरदीप पुरी

सारांश
Key Takeaways
- इंडियन ऑयल ने 36,000 रिटेल आउटलेट्स को सौर ऊर्जा से संचालित किया है।
- भारत की सौर ऊर्जा क्षमता 2014 में 2.82 गीगावाट से बढ़कर 105.65 गीगावाट हो गई है।
- सौर ऊर्जा का उपयोग हरित भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- सरकार की नीतियों से घरेलू उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है।
- आयकर रिटर्न की संख्या में भी वृद्धि हुई है, जो वित्तीय संस्कृति को दर्शाती है।
नई दिल्ली, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए बिजली में आत्मनिर्भरता अत्यंत आवश्यक है और इसमें सौर ऊर्जा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुसार, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने अपने 36,000 से अधिक खुदरा आउटलेट्स को पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित करने का कार्य किया है, जिससे भारत की इस ऊर्जा क्षमता का विस्तार किया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह सराहनीय कदम न केवल बिजली के बिलों को कम करता है बल्कि 'हरित भारत' के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।
उन्होंने कहा, "नया भारत अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के समन्वय के मंत्र पर आगे बढ़ रहा है। चाहे घर की छत हो, दफ्तर हो या फैक्ट्री... अगर थोड़ी सी भी जगह है, तो सौर ऊर्जा का उपयोग करें। यह ऊर्जा की आवश्यकताओं को पूरा करने का एक बड़ा साधन साबित हो रहा है।"
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले 11 वर्षों में भारत की सौर ऊर्जा क्षमता में भारी वृद्धि हुई है, जो 2014 में केवल 2.82 गीगावाट से बढ़कर इस वर्ष 31 मार्च तक 105.65 गीगावाट हो गई है।
कुल स्थापित सौर क्षमता में से ग्राउंड-माउंटेड इंस्टॉलेशन क्षमता 81.01 गीगावाट, रूफटॉप सोलर क्षमता 17.02 गीगावाट, हाइब्रिड प्रोजेक्ट के सौर घटकों की क्षमता 2.87 गीगावाट और ऑफ-ग्रिड सिस्टम क्षमता 4.74 गीगावाट है।
यह वृद्धि विभिन्न श्रेणियों में सौर ऊर्जा के निरंतर उपयोग को दर्शाती है।
सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में विस्तार को सौर सेल और वेफर्स के मजबूत घरेलू उत्पादन का समर्थन प्राप्त हो रहा है, जो 2014 में लगभग नगण्य था। भारत ने अब 25 गीगावाट सौर सेल उत्पादन और 2 गीगावाट वेफर उत्पादन के साथ एक मजबूत आधार बना लिया है।
इसके अतिरिक्त, पुरी ने कहा कि दाखिल किए गए आयकर रिटर्न की संख्या वित्त वर्ष 2013-14 में 3.6 करोड़ से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2024-25 में 8.5 करोड़ हो गई है, जिसमें 95 प्रतिशत 30 दिनों के भीतर प्रोसेस किए गए हैं।
ये आंकड़े भारत की उभरती वित्तीय संस्कृति को दर्शाते हैं।
उन्होंने कहा कि जब कराधान का प्रबंधन ईमानदारी से किया जाता है, तो यह सशक्तिकरण का एक प्रभावशाली साधन बन जाता है। इसे मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में देखा जा सकता है।