क्या ईडी की रडार पर हैं आम आदमी पार्टी के नेता? मनी लॉन्ड्रिंग के तीन नए मामले दर्ज

Click to start listening
क्या ईडी की रडार पर हैं आम आदमी पार्टी के नेता? मनी लॉन्ड्रिंग के तीन नए मामले दर्ज

सारांश

क्या आम आदमी पार्टी के नेता फिर से विवादों में हैं? ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तीन नए मामले दर्ज किए हैं, जो अस्पताल निर्माण, सीसीटीवी परियोजना और शेल्टर होम से जुड़े हैं। जानिए इस मामले की पूरी कहानी!

Key Takeaways

  • ईडी ने तीन नए मनी लॉन्ड्रिंग मामले दर्ज किए हैं।
  • मामले अस्पताल निर्माण, सीसीटीवी परियोजना और शेल्टर होम से जुड़े हैं।
  • जांच में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के नाम शामिल हैं।
  • सभी मामलों की जांच सीबीआई और एसीबी कर रही है।
  • जल्द ही नेताओं से पूछताछ की संभावना है।

नई दिल्ली, 18 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आम आदमी पार्टी के नेता एक बार फिर ईडी की रडार पर आ गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली सरकार के कार्यकाल के दौरान सामने आए तीन बड़े कथित घोटालों में मनी लॉन्ड्रिंग के केस दर्ज कर लिए हैं। ये मामले अस्पताल निर्माण, सीसीटीवी परियोजना और शेल्टर होम से संबंधित हैं।

ईडी ने इन मामलों में इन्फोर्समेंट केस इनफॉर्मेशन रिपोर्ट दर्ज की है और जल्द ही आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं को पूछताछ के लिए समन भेजे जा सकते हैं।

पहला मामला 5,590 करोड़ रुपए के अस्पताल निर्माण घोटाले से जुड़ा हुआ है। इस घोटाले में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। साल 2018-19 में दिल्ली सरकार द्वारा 24 अस्पताल परियोजनाएं मंजूर की गई थीं। इन आईसीयू अस्पतालों को छह महीने में तैयार करना था, लेकिन तीन साल बाद भी निर्माण कार्य अधूरा है। अब तक करीब 800 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, लेकिन सिर्फ 50 प्रतिशत काम ही पूरा हुआ है। इसके अलावा, एलएनजेपी अस्पताल की लागत 488 करोड़ से बढ़कर 1,135 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।

दूसरा मामला 571 करोड़ रुपए के सीसीटीवी घोटाले से जुड़ा है। 2019 में दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई गई थी। यह ठेका भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (भेल) को दिया गया, लेकिन परियोजना समय पर पूरी नहीं हुई। भेल पर 17 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया, जिसे बाद में बिना किसी स्पष्ट कारण के माफ कर दिया गया था।

तीसरा मामला 207 करोड़ की गड़बड़ी का डीयूएसआईबी शेल्टर होम घोटाले से जुड़ा है। दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड (डीयूएसआईबी) से जुड़ी परियोजनाओं में भी गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है।

आरोप है कि फर्जी फिक्स्ड डिपॉजिट रसीद के जरिये 207 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई। लॉकडाउन के दौरान कागजों में दिखाया गया कि 250 करोड़ रुपए का शेल्टर होम का काम ‘घोस्ट वर्कर्स’ के नाम पर दर्शाया गया। इन कर्मचारियों की सैलरी नेताओं तक कमीशन के रूप में पहुंचाने का आरोप है।

सूत्रों के अनुसार, इन सभी मामलों की जांच सीबीआई और एसीबी पहले से ही कर रही हैं और इन्हीं जांच एजेंसियों की एफआईआर के आधार पर ईडी ने अब मनी लॉन्ड्रिंग के केस दर्ज किए हैं। संभावना है कि जल्द ही आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं से पूछताछ शुरू हो सकती है।

Point of View

आम आदमी पार्टी के नेता गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज किए गए मनी लॉन्ड्रिंग के मामले एक नए राजनीतिक विवाद को जन्म दे सकते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि सभी पक्षों को सुनने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जाए।
NationPress
18/07/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने किन मामलों में मनी लॉन्ड्रिंग के केस दर्ज किए हैं?
ईडी ने अस्पताल निर्माण, सीसीटीवी परियोजना और शेल्टर होम से संबंधित मामलों में मनी लॉन्ड्रिंग के केस दर्ज किए हैं।
इन मामलों में कौन से नेता शामिल हैं?
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के नाम प्रमुखता से सामने आ रहे हैं।
क्या इन मामलों की जांच चल रही है?
हाँ, सीबीआई और एसीबी पहले से ही इन मामलों की जांच कर रही हैं।
क्या आम आदमी पार्टी के नेता से पूछताछ होगी?
हाँ, ईडी जल्द ही आम आदमी पार्टी के नेताओं को पूछताछ के लिए समन भेज सकता है।
क्या यह मामला राजनीतिक विवाद का कारण बनेगा?
यह संभव है कि ये मामले आम आदमी पार्टी के लिए एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर सकते हैं।