क्या जूम डेवलपर्स के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी का एक्शन महत्वपूर्ण है?

Click to start listening
क्या जूम डेवलपर्स के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी का एक्शन महत्वपूर्ण है?

सारांश

भोपाल में जूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 1.15 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त की हैं। यह कार्रवाई कई जांच एजेंसियों द्वारा की गई है, जो भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के खिलाफ सख्त कदम उठा रही हैं।

Key Takeaways

  • ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सख्त कार्रवाई की है।
  • 1.15 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त की गई हैं।
  • कई जांच एजेंसियां एक साथ काम कर रही हैं।
  • सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है।
  • इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही चल रही है।

भोपाल, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। भोपाल जोनल ऑफिस ने महाराष्ट्र में स्थित 1.15 करोड़ रुपए की तीन अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है।

इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो, बैंक सुरक्षा और धोखाधड़ी सेल (बीएसएंडएफसी), नई दिल्ली और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू), मुंबई ने एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर और आरोप पत्रों के आधार पर ईडी ने मामले की जांच आरंभ की।

ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि जूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (जेडडीपीएल) द्वारा पीएनबी और अन्य बैंकों से धोखाधड़ी से प्राप्त धन (अपराध की आय) का कुछ हिस्सा जूम हिंदुस्तान पीटर ओट्स जेवी जैसे संयुक्त उद्यमों के माध्यम से छिपाया गया और अंततः हिंदुस्तान मोटार लाइनिंग एलएलपी और उसके संबंधित व्यक्तियों को भेजा गया, जिसका उपयोग बाद में अचल संपत्ति खरीदने के लिए किया गया।

इस मामले में ईडी ने पहले ही 131.34 करोड़ रुपए मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को जब्त करने के पांच अस्थायी आदेश जारी किए हैं। इसके अतिरिक्त, इस केस में एक अभियोजन शिकायत और 2 अतिरिक्त अभियोजन शिकायतें दायर की गई हैं।

वहीं, मध्य प्रदेश में ब्लॉक एजुकेशन ऑफिस (बीईओ) से 20 करोड़ रुपए की हेराफेरी के मामले में ईडी के इंदौर सब जोनल ऑफिस ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के अंतर्गत 4.5 करोड़ रुपए की 14 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त किया। कमल राठौर और अन्य आरोपियों द्वारा बीईओ, कट्ठीवाड़ा, जिला अलीराजपुर, मध्य प्रदेश से फर्जी बिलों के माध्यम से सरकारी फंड की हेराफेरी और दुरुपयोग के मामले में यह कार्रवाई की गई है।

कट्ठीवाड़ा की पुलिस ने बीईओ ऑफिस के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इस एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने जांच आरंभ की। जांच में पता चला कि 2018-2023 के बीच इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (आईएफएमएस) पर बनाए और स्वीकृत फर्जी बिलों के माध्यम से सरकारी फंड की बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई।

Point of View

यह मामला हमारे देश में आर्थिक अपराधों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा लिए गए सख्त कदम यह संकेत देते हैं कि सरकार भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के खिलाफ गंभीर है। हमें इन मामलों पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों को रोका जा सके।
NationPress
20/09/2025

Frequently Asked Questions

जूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कार्रवाई क्यों की गई?
जूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई की, जिसमें धोखाधड़ी से प्राप्त धन का उपयोग अचल संपत्ति में किया गया।
ईडी ने कितनी संपत्तियां जब्त की हैं?
ईडी ने 1.15 करोड़ रुपए की तीन अचल संपत्तियां अस्थायी रूप से जब्त की हैं।
क्या इस मामले में अन्य एजेंसियां शामिल हैं?
हाँ, इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो, बैंक सुरक्षा और धोखाधड़ी सेल और आर्थिक अपराध शाखा भी शामिल हैं।