क्या इंदौर में लगे 'आई लव मोहम्मद' के बैनर पर विवाद खड़ा हुआ है?

सारांश
Key Takeaways
- इंदौर में विवादित बैनर लगे हैं।
- नवरात्रि के समय में विहिप ने आपत्ति जताई।
- प्रशासन ने जांच शुरू की है।
- सामाजिक समरसता बनाए रखने की आवश्यकता है।
- सांप्रदायिक तनाव से बचने के लिए सतर्कता जरूरी है।
इंदौर, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के व्यापारिक केंद्र इंदौर में शारदीय नवरात्रि के अवसर पर लगाए गए 'आई लव मोहम्मद' के बैनरों ने एक नया विवाद उत्पन्न कर दिया है। यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये बैनर किसने लगाए हैं। इसी बीच, पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है।
जानकारी के अनुसार, चंदन नगर क्षेत्र में लगे 'आई लव मोहम्मद' बैनर-पोस्टर ने एक बार फिर से विवाद की स्थिति पैदा कर दी है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेताओं ने इन बैनरों पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि जब हिंदू समाज नवरात्रि का प्रमुख पर्व मना रहा है, तब इस तरह के बैनर लगाना एक खास समुदाय द्वारा माहौल को बिगाड़ने का प्रयास है।
विहिप नेताओं ने सवाल उठाया है कि वर्तमान समय में न तो किसी विशेष समुदाय का बड़ा त्योहार है और न ही कोई धार्मिक आयोजन, फिर भी अचानक 'आई लव मोहम्मद' के पोस्टर क्यों लगाए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि जानबूझकर हिंदू बहुल्य इलाकों में इस तरह के बैनर लगाए जा रहे हैं, जिससे साम्प्रदायिक तनाव उत्पन्न हो सकता है।
विहिप के पदाधिकारियों का कहना है कि नवरात्रि जैसे पावन पर्व पर जब पूरा शहर माता की भक्ति और गरबे के रंग में डूबा हुआ है, तब इस प्रकार के पोस्टर लगाना असामाजिक तत्वों की जानबूझकर की गई चाल लगती है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में तुरंत जांच की जाए और जिम्मेदार लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही, विहिप नेताओं ने इस घटनाक्रम में विदेशी फंडिंग का भी जिक्र किया है। उनका आरोप है कि देश के विभिन्न स्थानों पर इस तरह के 'आई लव मोहम्मद' के बैनर लगाए जा रहे हैं, जो किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा करते हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन और खुफिया एजेंसियां समय रहते सतर्क नहीं होतीं, तो ऐसे कदम समाज में वैमनस्य और विवाद को जन्म दे सकते हैं। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने फिलहाल मामले की जांच शुरू कर दी है। क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल की तैनाती की गई है। आखिरकार, ये बैनर किसने और किस उद्देश्य से लगाए, यह अभी भी स्पष्ट नहीं हो पाया है।