12 ज्योतिर्लिंग का राशि से क्या संबंध है?

Click to start listening
12 ज्योतिर्लिंग का राशि से क्या संबंध है?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि 12 ज्योतिर्लिंगों का प्रत्येक राशि से क्या संबंध है? इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किस ज्योतिर्लिंग की पूजा से आपको क्या लाभ हो सकता है। जानें अपनी राशि के अनुसार शिवलिंग के महत्व के बारे में और अपनी आध्यात्मिक यात्रा को सार्थक बनाएं।

Key Takeaways

  • भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग का विशेष महत्व है।
  • हर राशि का एक खास ज्योतिर्लिंग है।
  • ज्योतिर्लिंग की पूजा से मानसिक शांति और मुक्ति मिलती है।
  • ज्योतिर्लिंगों के दर्शन से पापों का नाश होता है।
  • अध्यात्मिक विकास के लिए ज्योतिर्लिंग का पूजन आवश्यक है।

नई दिल्ली, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। शिव पुराण के 6 खण्ड और 24,000 श्लोकों में भगवान शिव के महत्व को स्पष्ट किया गया है। इसी शिव महा पुराण में भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग का उल्लेख मिलता है।

शिव महा पुराण में वर्णित 12 ज्योतिर्लिंग में से एक उत्तर प्रदेश में, एक उत्तराखंड में, एक झारखंड में, एक आंध्र प्रदेश, एक तमिलनाडु, दो मध्य प्रदेश में, तीन महाराष्ट्र में और दो गुजरात में स्थित हैं।

इन ज्योतिर्लिंगों को क्रम से सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारनाथ, भीमाशंकर, काशी विश्वनाथ, त्र्यंबकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वरम और घृष्णेश्वर के नाम से पूजा जाता है।

शिव महा पुराण की कोटिरुद्र संहिता में भगवान शिव के इन द्वादश ज्योतिर्लिंग का विस्तृत वर्णन है। इसमें बताया गया है कि इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन से पापों का नाश, मानसिक शांति और मुक्ति प्राप्त होती है।

इसके अलावा, यह भी बताया गया है कि इनमें से किस ज्योतिर्लिंग का संबंध किस राशि से है और उनके दर्शन-पूजन से किस प्रकार का फल मिलता है।

ज्योतिष के अनुसार, रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग का संबंध मेष राशि से है। रामेश्वरम की पूजा करने से मेष राशि के जातकों के जीवन में सद्भाव और स्थिरता बढ़ती है।

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग वृषभ राशि से संबंधित है। वृषभ राशि के जातकों के लिए सोमनाथ की पूजा करने की सलाह दी जाती है।

बुध द्वारा शासित मिथुन राशि का संबंध नागेश्वर ज्योतिर्लिंग से है। यहां पूजा करने से मिथुन राशि के जातकों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक विकास होता है।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का संबंध कर्क राशि से है। कर्क राशि के जातकों को इसकी पूजा करनी चाहिए।

सिंह राशि का संबंध वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग से है। यहां पूजा करने से सिंह राशि के जातक स्वास्थ्य और पारिवारिक मुद्दों के लिए समाधान पा सकते हैं।

कन्या राशि का ज्योतिर्लिंग मल्लिकार्जुन है। इसके दर्शन से विवाह संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

तुला राशि का संबंध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग से है, जहां दर्शन करने से सभी भय दूर होते हैं।

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग का संबंध वृश्चिक राशि से है। इसके दर्शन से संतान सुख और पारिवारिक समस्याओं से राहत मिलती है।

काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग का संबंध धनु राशि से है, जो मोक्ष की दिशा में मदद करता है।

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का संबंध मकर राशि से है। यहां पूजा करने से कमजोर मंगल स्थिति वाले लोगों को राहत मिल सकती है।

कुंभ राशि का ज्योतिर्लिंग केदारनाथ है। पूजा करने से आध्यात्मिक विकास और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

मीन राशि का संबंध त्र्यंबकेश्वर से है। इसके दर्शन से जीवन के सुखों से संबंधित आशीर्वाद प्राप्त होता है।

Point of View

बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं को भी उजागर करती है। देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित ये ज्योतिर्लिंग हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा हैं।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

ज्योतिर्लिंग क्या होते हैं?
ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 प्रमुख रूप हैं, जो विभिन्न स्थानों पर स्थित हैं।
हर राशि का ज्योतिर्लिंग कौन सा है?
प्रत्येक राशि का संबंध एक विशेष ज्योतिर्लिंग से है, जो उसके लिए विशेष फल प्रदान करता है।
ज्योतिर्लिंग की पूजा करने से क्या लाभ होता है?
ज्योतिर्लिंग की पूजा से व्यक्ति के पापों का नाश, मानसिक शांति और मुक्ति प्राप्त होती है।
क्या सभी ज्योतिर्लिंगों की पूजा की जा सकती है?
जी हां, सभी ज्योतिर्लिंगों की पूजा की जा सकती है, लेकिन राशि के अनुसार विशेष फल प्राप्त होता है।
क्या ज्योतिर्लिंग की पूजा से जीवन में बदलाव आता है?
हाँ, ज्योतिर्लिंग की पूजा से व्यक्ति की जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।