क्या जब हम दूसरे धर्म पर कुछ नहीं बोलते, तो हमें परेशान क्यों किया जा रहा है?: वारिस पठान

सारांश
Key Takeaways
- लाउडस्पीकर विवाद पर वारिस पठान का विचार महत्वपूर्ण है।
- सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन होना चाहिए।
- धार्मिक सहिष्णुता का माहौल बनाए रखना आवश्यक है।
- बीजेपी पर नफरत की राजनीति फैलाने का आरोप।
- आर्थिक मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास।
मुंबई, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई के सह्याद्री गेस्ट हाउस में बुधवार सुबह उप मुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई, जो मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर के विवाद पर केंद्रित थी। एआईएमआईएम के नेता वारिस पठान भी इस बैठक में उपस्थित थे। उनका कहना है कि कुछ नफरती लोग राज्य का वातावरण बिगाड़ना चाहते हैं। जब मुसलमान, अन्य धर्मों के बारे में कुछ नहीं बोलते, तो उन्हें क्यों परेशान किया जा रहा है।
वारिस पठान ने 'राष्ट्र प्रेस' को बताया, "आज हमारा ऑल पार्टी डेलीगेशन था, जिसमें मुस्लिम एमएलए, मुस्लिम एक्टिविस्ट, सोशल एक्टिविस्ट और उलेमा भी शामिल थे। हमने उप मुख्यमंत्री अजित पवार से इस मीटिंग में कमिश्नर और डीजी के सामने लाउडस्पीकर विवाद पर चर्चा की। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन करते हुए अजान हो रही है, लेकिन कुछ नफरती लोग राज्य का माहौल खराब करना चाहते हैं। हमें यकीन है कि हमारे साथ इंसाफ होगा।"
एआईएमआईएम के नेता ने कहा, "एक बार अजित पवार ने मंच से कहा था कि मैं मुस्लिमों के साथ हूं। उन्होंने कहा है कि किसी को इस तरह की हरकत करने की इजाजत नहीं है। हमें ऐसा लगता है कि सारे कायदे-कानून केवल मुस्लिमों के लिए ही बनाए गए हैं। जब हम दूसरे धर्म के बारे में नहीं बोलते, तो फिर हमारे साथ ही क्यों इस तरह की नफरत फैलाई जा रही है। सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि अजान से ध्वनि प्रदूषण नहीं होता, लेकिन फिर भी इसे मुद्दा बनाकर मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है। हमें कानून और इंसाफ पर पूरा यकीन है।"
वारिस पठान ने बताया, "कल रात मदनपुरा में बड़ी मस्जिद में पुलिस बल आया। इस दौरान मस्जिद से लाउडस्पीकर हटाने को कहा गया। वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया। ऐसे में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती थी। कायदे-कानून का पालन करना सरकार की जिम्मेदारी है। अगर आपको कुछ गलत लगता है, तो कोर्ट से आदेश लीजिए। बीजेपी सरकार जब से सत्ता में आई है, तब से नफरत की राजनीति फैलाने का ही काम कर रही है।"
आपातकाल पर वारिस पठान ने कहा, "बीजेपी को देश की आर्थिक स्थिति सुधारने पर ध्यान देना चाहिए। जो उस वक्त प्रधानमंत्री ने निर्णय लिया था, वह सही-गलत देखकर लिया गया था। बीजेपी का काम महंगाई, खराब आर्थिक स्थिति और बेरोजगारी से ध्यान भटकाना है। बीजेपी चाहती है कि ऐसे मुद्दों को लाकर उस पर चर्चा शुरू की जाए, ताकि जनता महंगाई और बेरोजगारी पर बात ही न करे।"