क्या 'मन की बात' कार्यक्रम खेल, कला, संस्कृति और प्राचीन धरोहर को बढ़ावा देता है?

सारांश
Key Takeaways
- मन की बात कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को प्रेरित करना है।
- इस कार्यक्रम में पांडुलिपियों और ऑपरेशन सिंदूर जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाती है।
- यह कार्यक्रम भारत की सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने में मदद करता है।
नई दिल्ली, २७ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम विश्व में शायद अद्वितीय है। उन्होंने उल्लेख किया कि 'मन की बात' में पांडुलिपियों, चंद्रयान की सफलता, शुभांशु शुक्ला के योगदान, स्टार्टअप्स और आत्मनिर्भर भारत जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।
रविवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि 'मन की बात' कार्यक्रम खेल, कला, संस्कृति और प्राचीन धरोहरों को बढ़ावा देता है, जिससे युवाओं को अंतरिक्ष यात्रा और ओलंपियाड जैसे क्षेत्रों में प्रेरणा मिलती है। यह जनता को देश की सांस्कृतिक विरासत से जोड़ता है।
उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' को पाठ्यक्रम में शामिल करने के निर्णय की सराहना की और कहा कि यह एक स्वागतयोग्य कदम है। हमारी युवा पीढ़ी को 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में जानना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि भारत अब आत्मनिर्भरता की दिशा में डिफेंस उपकरणों का निर्माण कर रहा है और इन्हें अन्य देशों को निर्यात भी कर रहा है। विश्व ने भारत की ताकत की सराहना की है, खासकर जब भारतीय सेना ने लश्कर-ए-तैयबा के ९ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। यह कदम देश की सैन्य ताकत और आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।
भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने तेज प्रताप यादव द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव में महुआ सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के ऐलान पर तीखी टिप्पणी की।
उन्होंने कहा कि तेज प्रताप यादव, उनके भाई तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सहित कांग्रेस और उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी जैसी पार्टियां परिवारवादी राजनीति पर आधारित हैं। इन दलों का मुख्य उद्देश्य परिवार के हितों को प्राथमिकता देना है, न कि देश के हितों को।
उन्होंने आरोप लगाया कि इन पार्टियों में देश के प्रति समर्पण की भावना कम है, और सत्ता का उपयोग केवल परिवार के लिए सुख-सुविधाएं जुटाने के लिए किया जाता है। जब भी ऐसी पार्टियां सत्ता में आती हैं, एक ही परिवार के सदस्य, जैसे दो भाई, मंत्री बन जाते हैं, जो उनकी सत्ता को व्यक्तिगत लाभ के लिए उपयोग करने की मानसिकता को दर्शाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि लालू परिवार में चुनाव से पहले मतभेद उभर आए हैं, जो तेज प्रताप के राजद से निष्कासन और उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने के फैसले से स्पष्ट है।