क्या तेजस्वी यादव पर जगदंबिका पाल का बड़ा हमला है?

सारांश
Key Takeaways
- भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने एसआईआर मुद्दे पर महत्वपूर्ण बयान दिया।
- उन्होंने तेजस्वी यादव के चुनाव बहिष्कार के बयान को चुनौती दी।
- यह लड़ाई अवैध रूप से रहने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को लेकर है।
- निर्वाचन आयोग निष्पक्ष चुनाव के लिए कार्य कर रहा है।
नई दिल्ली, २५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने एसआईआर मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई एसआईआर की नहीं है, बल्कि यह संघर्ष अवैध रूप से रहने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को लेकर है। इस अवसर पर जगदंबिका पाल ने 'चुनाव बहिष्कार' पर तेजस्वी यादव को भी तीखा जवाब दिया।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने प्रश्न उठाते हुए कहा, "जो भी रोहिंग्या-बांग्लादेशी या कोई अन्य गैर कानूनी रूप से रहने वाला व्यक्ति है, जो भारत का वोटर नहीं हो सकता, क्या वह बिहार या बंगाल की सरकार चुनेगा?"
जगदंबिका पाल ने कहा कि जो भी १८ साल का भारतीय नागरिक है, उसे वोटर बनना चाहिए। भारत के हर नागरिक को मतदान का अधिकार है। उन्होंने कहा, "इसलिए यह लड़ाई एसआईआर की नहीं है, यह लड़ाई रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को लेकर है।"
'चुनाव बहिष्कार' मुद्दे पर जगदंबिका पाल ने कहा, "तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि हम चुनाव का बहिष्कार कर सकते हैं। यह पहली बार है जब लोकतंत्र में कोई राजनीतिक व्यक्ति बहिष्कार की बात करे। यह तो कभी जम्मू कश्मीर में नक्सलवादी और आतंकवादी किया करते थे।"
जगदंबिका पाल ने एसआईआर अभियान की घोषणा करते हुए कहा, "एसआईआर एक दरवाजे से दरवाजे की सत्यापन प्रक्रिया है। कोई भी हिंदू, मुस्लिम या अन्य धर्म का भारतीय नागरिक, जो वोटर नहीं है, उसे वोटर बनाया जाएगा। सभी को मतदान का अवसर मिलेगा।"
उन्होंने कहा कि यदि बांग्लादेशी, रोहिंग्या या नेपाली नागरिक अवैध रूप से भारतीय वोटर बने हैं, तो उन्हें हटाने की प्रक्रिया चल रही है। यह निश्चित रूप से निर्वाचन आयोग द्वारा निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए किया जा रहा है।
संसद में विपक्ष के हंगामे पर जगदंबिका पाल ने कहा, "यह विपक्ष की सोची समझी रणनीति है। पूरा सप्ताह बर्बाद हो गया। चाहे वह एसआईआर मुद्दा हो या कोई अन्य, लोकसभा अध्यक्ष (ओम बिरला) ने चर्चा के लिए पहल की। केंद्रीय मंत्रियों ने आग्रह किए। एसआईआर पर आप (विपक्ष) चर्चा कर सकते हैं। जब सरकार और लोकसभा अध्यक्ष कह रहे हैं, तो फिर भी पूरा हफ्ता बर्बाद किया है।"