क्या जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से राजनीति में बदलाव आएगा?

सारांश
Key Takeaways
- जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों से हुआ है।
- राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
- समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने अपनी हैरानी व्यक्त की है।
- भाजपा पर लोकतंत्र को खत्म करने का आरोप लगाया गया है।
- सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का स्वागत किया गया है।
नई दिल्ली, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार रात को अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने खराब स्वास्थ्य और चिकित्सकीय सलाह को इस निर्णय का कारण बताया है। संसद के मानसून सत्र के पहले दिन उनके इस फैसले ने राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद सिंह ने कहा कि उन्होंने जगदीप धनखड़ के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की और यह भी कहा कि ऐसा प्रतीत नहीं होता था कि वे अस्वस्थ या तनावग्रस्त थे।
अवधेश प्रसाद ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि जब लोकसभा और राज्यसभा की बैठकें शुरू हुईं, तब जगदीप धनखड़ को राज्यसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता करते हुए देखा गया। कोई संकेत नहीं था कि वे अस्वस्थ या तनावग्रस्त थे। लेकिन रात में, उनके इस्तीफे की खबर सुनकर मैं वास्तव में स्तब्ध रह गया क्योंकि वह सदन को इतनी कुशलता से संचालित कर रहे थे। ऐसे में स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों का उल्लेख करना मुझे अचंभित करता है। फिर भी, मैं उनकी स्वास्थ्य की प्रार्थना करता हूं क्योंकि वे एक ऐसे नेता हैं जो संविधानिक मूल्यों में विश्वास रखते हैं। यदि उनका इस्तीफा नामंजूर होता है, तो यह एक सकारात्मक कदम होगा।
बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के बारे में बोलते हुए उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं और मतदाताओं को उनके मतदान के अधिकार से वंचित करने का प्रयास कर रहे हैं। हमारी पार्टी इस पर चिंतित है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा कांवड़ यात्रा के दौरान क्यूआर कोड पर रोक लगाने से इनकार पर अवधेश प्रसाद ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने देश में शांति बनाए रखने के लिए सरकार को कड़े निर्देश दिए हैं। हमें न्यायपालिका पर विश्वास है और जो निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दिए हैं, उनका स्वागत करते हैं।