क्या दिल्ली के जहांगीरपुरी हत्या मामले को 24 घंटे में सुलझा लिया गया?

सारांश
Key Takeaways
- जहांगीरपुरी में हत्या की घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया।
- पुलिस ने 24 घंटे में मामले का खुलासा किया।
- सुरेश और किशन जैसे आरोपियों की पहचान हुई।
- हत्या का कारण आपसी विवाद था।
- पुलिस ने तकनीकी निगरानी का सहारा लिया।
नई दिल्ली, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के जहांगीरपुरी थाने की पुलिस ने 24 घंटे के भीतर एक चौंकाने वाले हत्या के मामले का खुलासा किया है। इस मामले में दो मुख्य आरोपी सुरेश कुमार उर्फ अप्पू (52) और किशन (22) के साथ एक नाबालिग को भी गिरफ्तार किया गया है। हत्या का कारण आपसी विवाद और बहस रही, जिसमें चाकू के वार से पीड़ित की जान ले ली गई।
घटना 17 जून की शाम को जी-ब्लॉक में हुई, जब पीसीआर कॉल आई कि 18 सालबॉबी सिंह उर्फ पीयूष को पेट में चाकू मार दिया गया है। पुलिस तुरंत बीजेआरएम अस्पताल पहुंची, जहां बॉबी को मृत घोषित किया गया। मामले की जांच के दौरान पुलिस को घटनास्थल पर खून के निशान मिले।
एक प्रत्यक्षदर्शी जितेंद्र उर्फ अजय ने बताया कि उसी दिन तीन अज्ञात लोग, जिनके चेहरे ढंके थे, जी-ब्लॉक में घूम रहे थे। बॉबी ने इस बारे में किशन से जानकारी लेने की कोशिश की, जिसके बाद विवाद बढ़ गया। बॉबी ने सुरेश को गाली दी और थप्पड़ मारा। इसके बाद सुरेश ने उसे पकड़ लिया, और तभी किशन और नाबालिग ने मिलकर बॉबी पर चाकुओं से हमला कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। इंस्पेक्टर सतविंदर सिंह की अगुआई में एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसमें सब-इंस्पेक्टर अंकित, सुरेंद्र, हेड कांस्टेबल दिनेश मीना, सुनील, अमरेश, और कांस्टेबल भूपेंद्र, विपुल, योगेश शामिल थे।
एसीपी प्रदीप पालीवाल की देखरेख में टीम ने तकनीकी निगरानी और गुप्त सूचनाओं के आधार पर कार्रवाई की। 18 जून
पूछताछ में किशन और नाबालिग ने स्वीकार किया कि बॉबी के साथ उनकी तीखी बहस हुई थी, जिसके बाद उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर हमला किया। सुरेश ने बॉबी को पकड़ रखा था, जबकि किशन और नाबालिग ने चाकू से वार किया।
पुलिस के अनुसार, यह हत्या पुरानी दुश्मनी और तत्काल विवाद का परिणाम थी। पुलिस अब बाकी फरार साथियों की तलाश में है। मामले की जांच जारी है ताकि कोई और कड़ी सामने आ सके।