क्या जैसलमेर में निजी बसों द्वारा माल ढुलाई से जान को संकट में डाला जा रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- निजी बस संचालक यात्रियों की सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
- भीलवाड़ा गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है।
- यात्री बसों में ज्वलनशील वस्तुओं का परिवहन हो रहा है।
जैसलमेर, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जैसलमेर में हुए भीषण बस अग्निकांड में 20 से अधिक यात्रियों की दर्दनाक मौत के बाद भी निजी बस संचालक नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं और जानलेवा तरीके से माल ढुलाई का कार्य कर रहे हैं। भीलवाड़ा गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।
एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि परिवहन विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से निजी ऑपरेटरों का हौसला बढ़ रहा है, जिससे आम लोगों की जान खतरे में है। यात्री बसों में अत्यधिक माल ढुलाई की जा रही है।
एसोसिएशन ने बताया कि निजी ट्रैवल्स की बसों में कपड़े, मोटरसाइकिल और जानलेवा ज्वलनशील वस्तुएं जैसे पटाखे और गैस सिलेंडर भी खुलेआम ढोए जा रहे हैं। यह परिवहन विभाग के नियमों का खुला उल्लंघन है और यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। एक गाड़ी में कम से कम 10 टन माल भरा जा रहा है।
एसोसिएशन अध्यक्ष विश्वबन्धु सिंह राठौड़ ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि जैसलमेर बस अग्निकांड जैसी हृदय विदारक घटनाएं स्पष्ट करती हैं कि निजी बस संचालक यात्रियों की सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। ट्रेवल्स बसें केवल यात्री भार के लिए होती हैं, किंतु निजी ऑपरेटरों के लालच और परिवहन विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों की अनदेखी ने इन बसों को ट्रकों का रूप दे दिया है।
ज्ञापन में परिवहन विभाग के मौजूद भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई है, जिनके कारण निजी ऑपरेटरों के हौसले बुलंद हैं। यह भी आरोप लगाया गया है कि परिवहन विभाग इन गाड़ियों से बिना बिल लिए परिवहन करवाकर राज्य सरकार के राजस्व को भी हानि पहुंचा रहा है।
एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि इस गंभीर मुद्दे पर शीघ्र कदम नहीं उठाए गए तो भीलवाड़ा गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन को मजबूरन यात्रियों की सुरक्षा के हित में सड़कों पर उतरकर आंदोलन करना पड़ेगा, ताकि जैसलमेर जैसे अग्निकांड दोबारा न हों और माल लदान के कारण पूर्व में हुई दुर्घटनाओं पर अंकुश लगे।