क्या जम्मू-कश्मीर में अखबार के ऑफिस से एके47 राइफल की गोलियां और हैंड-ग्रेनेड पिन बरामद हुईं?
सारांश
Key Takeaways
- जम्मू-कश्मीर में कश्मीर टाइम्स के ऑफिस पर छापेमारी हुई।
- छापे में एके47 राइफल के कारतूस और अन्य हथियार बरामद हुए।
- यह कार्रवाई विवादों में है और मीडिया स्वतंत्रता पर सवाल खड़ा करती है।
जम्मू, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एसआईए) ने जम्मू शहर के रेजीडेंसी रोड इलाके में कश्मीर टाइम्स के ऑफिस पर छापेमारी की, जिसमें एके47 राइफल के कारतूस, पिस्टल की गोलियां और हैंड-ग्रेनेड पिन समेत कई अन्य वस्तुएं बरामद हुईं।
आधिकारिक सूत्रों ने राष्ट्र प्रेस को बताया, "छापेमारी के दौरान एके47 राइफल के कारतूस, पिस्टल की गोलियां और हैंड-ग्रेनेड पिन सहित कई अन्य वस्तुएं बरामद हुईं।"
एसआईए ने अखबार के जम्मू ऑफिस पर छापा मारा, जिसमें आरोप है कि यह अखबार देश के खिलाफ गतिविधियों में संलग्न था।
अधिकारियों के अनुसार, एसआईए की टीमों ने प्रकाशन और इसके प्रमोटरों के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद अखबार की जगह और कंप्यूटर सिस्टम की जांच की। जांच के आगे बढ़ने पर प्रमोटरों से पूछताछ की जा सकती है।
अधिकारियों ने बताया कि एसआईए ने अखबार के ऑफिस पर एक मामले के सिलसिले में छापा मारा, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि प्रकाशन ने देश के खिलाफ गतिविधियों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया था।
इस छापे पर प्रतिक्रिया देते हुए, डिप्टी चीफ मिनिस्टर सुरिंदर चौधरी ने कहा कि इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की कोई भी कार्रवाई पूरी तरह से गलत काम के सबूतों पर आधारित होनी चाहिए।
डिप्टी चीफ मिनिस्टर ने कहा, "अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो कार्रवाई की जानी चाहिए। अगर उन्होंने गलत किया है तो उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे, लेकिन यह केवल दबाव डालने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। यदि आप केवल दबाव डालने के लिए ऐसा करते हैं तो यह गलत होगा।"
पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती, जो पार्टी चीफ महबूबा मुफ्ती की बेटी हैं, ने कहा कि कश्मीर टाइम्स ने लंबे समय से उसे चुप कराने की कोशिशों का विरोध किया है।
उन्होंने कहा, "कश्मीर टाइम्स कश्मीर के उन गिने-चुने अखबारों में से एक है जिसने न केवल सत्ता के सामने सच बोला बल्कि दबाव और धमकियों के आगे झुकने से भी मना कर दिया। एंटी-नेशनल एक्टिविटी करने की आड़ में उनके ऑफिस पर छापा मारना बेवकूफी है और इससे मनमानी की बू आती है।"
पीडीए के युवा अध्यक्ष आदित्य गुप्ता ने कहा, "दशकों तक, अखबार ने कश्मीर में मानव अधिकारों के उल्लंघन, गायब होने, गवर्नेंस की नाकामियों और बड़े राजनीतिक बदलावों की कुछ सबसे बड़ी कहानियों को उजागर किया। हर धमकी और हर दबाव के बावजूद, कश्मीर टाइम्स अडिग रहा।"