क्या भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में नगरोटा विधानसभा सीट बरकरार रखी?
सारांश
Key Takeaways
- नगरोटा विधानसभा सीट पर भाजपा की जीत महत्वपूर्ण है।
- देवयानी राणा ने बड़े अंतर से चुनाव जीते।
- भाजपा के पास अब 29 सीटें हैं।
- बडगाम विधानसभा क्षेत्र में मतगणना जारी है।
- उमर अब्दुल्ला ने बडगाम सीट छोड़ी।
जम्मू, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नगरोटा विधानसभा सीट को अपने कब्जे में रखा है। शुक्रवार को हुई मतगणना के बाद भाजपा की उम्मीदवार देवयानी राणा को नगरोटा उपचुनाव में विजेता घोषित किया गया।
इस चुनाव में कुल 10 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई। देवयानी राणा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, नेशनल पैंथर्स पार्टी के हर्ष देव सिंह को 24,647 वोटों के विशाल अंतर से हराकर जीत हासिल की। सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की उम्मीदवार शमीम बेगम लगभग 31,478 मतों के अंतर से तीसरे स्थान पर रहीं।
भाजपा की उम्मीदवार देवयानी राणा को उपचुनाव में 42,350 वोट मिले, जबकि पैंथर्स पार्टी के हर्ष देव सिंह को 17,703 और एनसी की शमीम बेगम को 10,872 वोट मिले।
नगरोटा में भाजपा उम्मीदवार की जीत की घोषणा होते ही जम्मू में भाजपा कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल बन गया। देवयानी राणा, पूर्व विधायक देवेंद्र सिंह राणा की पुत्री हैं, जिन्होंने 2024 के विधानसभा चुनाव में नगरोटा सीट जीती थी। देवेंद्र सिंह राणा के निधन के बाद नगरोटा में उपचुनाव कराए गए थे।
इस बीच, जम्मू-कश्मीर के बडगाम विधानसभा क्षेत्र में मतगणना अभी भी जारी है। नौवें दौर की मतगणना के बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के उम्मीदवार आगा सैयद मुंतजिर मेहदी अपने नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रतिद्वंद्वी आगा सैयद महमूद से 3,084 मतों से आगे चल रहे हैं।
बडगाम सीट पर उपचुनाव नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के इस्तीफा देने के बाद कराए गए हैं। उमर ने 2024 के विधानसभा चुनावों में दो सीटें (गांदरबल और बडगाम) जीती थीं। बाद में उन्होंने बडगाम सीट से इस्तीफा देकर गंदेरबल विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का निर्णय लिया।
ज्ञात हो कि 90 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भाजपा के पास 29 सीटें हैं, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास 41 सीटें हैं। बडगाम सीट जीतने पर पीडीपी की सीटों की संख्या चार हो जाएगी।