क्या जमशेदपुर में बाढ़ के कारण निचले इलाकों की बस्तियां डूबी? एनडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू

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क्या जमशेदपुर में बाढ़ के कारण निचले इलाकों की बस्तियां डूबी? एनडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू

सारांश

जमशेदपुर में बाढ़ के हालात ने निचले इलाकों को डुबो दिया है। प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम को भेजा है। जानिए कैसे बचाव कार्य चल रहा है और लोग किस प्रकार प्रभावित हो रहे हैं।

Key Takeaways

  • जमशेदपुर में बाढ़ के कारण निचले इलाकों की बस्तियां जलमग्न हो गई हैं।
  • एनडीआरएफ ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
  • बाढ़ के कारण खरकई और सुवर्णरेखा नदियों का जलस्तर बढ़ गया है।
  • प्रशासन ने राहत शिविर स्थापित किए हैं।
  • जगह-जगह राहत कार्य जारी है।

जमशेदपुर, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के जमशेदपुर में पिछले दो दिनों से बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण खरकई और सुवर्णरेखा नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है। नदियों का पानी शहर के निचले इलाकों में प्रवेश कर गया है।

सूत्रों के अनुसार, जमशेदपुर के विभिन्न क्षेत्रों में बस्तियां जलमग्न हो चुकी हैं। कई स्थानों पर बाढ़ का पानी कमर तक पहुंच गया है, और स्थिति को गंभीर होते देख प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम को तैनात किया है।

इस बीच, एनडीआरएफ, टाटा स्टील और जिला प्रशासन ने मिलकर शनिवार रात तक राहत और बचाव कार्य किया। शहर के कदमा, बागबेड़ा, जुगसलाई, सोनारी, मानगो और बिष्टुपुर जैसे इलाकों में निवासियों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा। कई घरों और फ्लैटों में पानी भर गया है। ग्रीन पार्क, गणेश वाटिका, आस्था विजय फ्लैट, शास्त्री नगर, रिवर व्यू कॉलोनी, गरीब नवाज कॉलोनी, शिवनगर और अन्य क्षेत्र पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं।

मानगो की पुरुलिया रोड और कपाली लिंक रोड पर दो फीट तक पानी बहने लगा है, जिससे कई सड़कें बंद करनी पड़ी हैं। साथ ही दुकानों, गोदामों और आवासीय क्षेत्रों में भी पानी घुस आया है। टाटा स्टील के गोताखोरों की सहायता से फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

इसके अलावा, डीसी कर्ण सत्यार्थी खुद हालात की निगरानी करते रहे। इस दौरान एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू बोट के माध्यम से लोगों को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया।

प्रशासन ने अस्थायी राहत शिविर भी स्थापित किए हैं।

जानकारी के अनुसार, शहर में बाढ़ के पीछे मुख्य कारण लगातार बारिश के साथ डैम से छोड़ा गया पानी है। चांडिल डैम का जलस्तर बढ़ने पर इसके आठ गेट खोले गए हैं, जिनमें से चार गेट 1.5 मीटर और चार गेट 0.5 मीटर तक खोले गए, जिससे 762.39 क्यूमेक्स पानी छोड़ा गया।

अतः डिमना डैम का भी एक फाटक खोला गया, और गालूडीह बराज के सभी 13 गेट खोल दिए गए, जिससे 8218.76 क्यूमेक्स पानी नदी में आया। इन कारणों से सुवर्णरेखा और खरकई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर पहुंच गया है। रविवार को बारिश थमने से स्थिति थोड़ी नियंत्रित हुई है, लेकिन खतरा अभी भी टला नहीं है।

प्रशासन ने जनता से सतर्क और सुरक्षित रहने की अपील की है।

Point of View

NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

जमशेदपुर में बाढ़ के कारण क्या हैं?
जमशेदपुर में बाढ़ का मुख्य कारण लगातार बारिश और डैम से छोड़ा गया पानी है।
एनडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन कब शुरू हुआ?
एनडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन बाढ़ के बाद तुरंत शुरू हुआ है।
बाढ़ से कौन-कौन से इलाके प्रभावित हुए हैं?
जमशेदपुर के कदमा, बागबेड़ा, जुगसलाई, सोनारी, मानगो और बिष्टुपुर जैसे इलाके बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
क्या प्रशासन ने राहत शिविर बनाए हैं?
हां, प्रशासन ने अस्थायी राहत शिविर स्थापित किए हैं।
क्या स्थिति अब नियंत्रण में है?
रविवार को बारिश थमने से स्थिति थोड़ी नियंत्रित हुई है, लेकिन खतरा अभी भी टला नहीं है।