क्या छत्तीसगढ़ में जनमन योजना से कमार जनजाति का जीवन बदल गया?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री जनमन योजना से कमार जनजाति के लोगों को पक्के आवास मिल रहे हैं।
- इस योजना के तहत 36 परिवारों को लाभ मिला है।
- कमल जनजाति के लोगों का सपना अब हकीकत बन रहा है।
- यह योजना जनजातीय समुदायों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास है।
- मकान निर्माण के लिए 2 लाख रुपए की राशि दी जा रही है।
धमतरी, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री जनमन योजना ने कमार जनजाति के जीवन में खुशहाली का संचार किया है। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के नगरी ब्लॉक के मसानडबरा के निवासियों के लिए पीएम जनमन योजना के अंतर्गत पक्का मकान निर्माण किया जा रहा है। लोगों के लिए यह एक नई शुरुआत है और वे काफी खुश हैं।
जंगलों में झोपड़ी में निवास करने वाले कमार जनजाति के लोगों को अब पक्की छत नसीब हो रही है। इससे उनके जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है। योजना का लाभ उठाने वाले लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया है।
हर व्यक्ति का सपना होता है कि उनके पास खुद का पक्का आवास हो, जिसमें वे अपने परिवार के साथ सुरक्षित और खुशहाल जीवन बिता सकें। गरीब परिवारों के लिए यह सपना हमेशा से दूर रहा है। लेकिन, प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के तहत, अति पिछड़े कमार जनजाति के लोगों का वर्षो पुराना सपना अब साकार हो रहा है। केंद्र सरकार उनके लिए पक्का मकान बनवाने का कार्य कर रही है।
मुकेश, पन्ना, बेदबती कमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने कमार परिवारों की भलाई के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। जनमन योजना के माध्यम से आज हमारे पास घर है। इसके लिए हम पीएम का धन्यवाद करते हैं।
जिला पंचायत नगरी बोरझा के सीईओ रोहित ने बताया कि मसानडबरा में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री जनमन आवास के तहत 36 परिवारों के लिए आवास स्वीकृत किए हैं। 26 घरों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और 10 आवासों का निर्माण जारी है। प्रत्येक घर के निर्माण के लिए 2 लाख रुपए नकद, 90 दिनों के लिए मनरेगा के तहत मजदूरी राशि का भुगतान किया जाएगा। भविष्य में इसके विकास की योजनाएं भी हैं, जिसमें शेड और गार्डन निर्माण के लिए पाइपलाइन का विस्तार शामिल है।
यह जानना महत्वपूर्ण है कि पीएम जनमन एक सरकारी योजना है, जिसका उद्देश्य जनजातीय समुदायों को मुख्यधारा में लाना है।