क्या जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने शशि थरूर की विदेश नीति पर टिप्पणी का जवाब दिया?
सारांश
Key Takeaways
- भारत की सेना पाकिस्तान से बहुत अधिक मजबूत है।
- शशि थरूर का बयान राजनीतिक संदर्भ में महत्वपूर्ण है।
- राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता है।
- बांग्लादेश में मानवाधिकारों का उल्लंघन चिंता का विषय है।
- हिंदू अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा आवश्यक है।
पटना, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने विदेश नीति पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर की टिप्पणी का उत्तर दिया है। उन्होंने कहा कि शशि थरूर के कथन को इस संदर्भ में देखना चाहिए कि भारत की तुलना में पाकिस्तान किसी भी क्षेत्र में श्रेष्ठ सैन्य शक्ति नहीं है।
शशि थरूर ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि विदेश नीति न तो भाजपा की होती है और न ही कांग्रेस की, यह देश की होती है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री की हार का जश्न मनाता है, तो वह वास्तव में भारत की हार का जश्न मना रहा है।
इस पर राजीव रंजन प्रसाद ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "शशि थरूर का बयान इस संदर्भ में महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान किसी भी क्षेत्र में भारत से बेहतर मिलिट्री पावर नहीं रखता। भारत की सेना दुनिया की सबसे बड़ी शक्तियों में से एक है। हमारी आर्टिलरी, नेवी, इन्फेंट्री, एयर फोर्स और समग्र कॉम्बैट कैपेबिलिटी पाकिस्तान से कहीं अधिक मजबूत है।"
राजीव रंजन ने गोपालगंज में हुए एनकाउंटर पर भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा, "राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। पुलिस को सुशासन स्थापित करने के लिए कई कदम उठाने पड़ते हैं। अपराधियों को गोली इसलिए मारी गई ताकि वे भाग न सकें और बाद में उन्हें गिरफ्तार किया जा सके। यह निसंदेह सुशासन का एक उदाहरण है।"
bांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के संदर्भ में जदयू प्रवक्ता ने कहा कि बांग्लादेश अपनी गतिविधियों और अपनी कठपुतली जैसी सरकार के कारण विश्वभर में आलोचना का सामना कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कई अमेरिकी सीनेटरों और यूनाइटेड किंगडम के साथ-साथ अन्य देशों ने भी वहां हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता व्यक्त की है। भारत भी बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों की कड़ी निंदा कर रहा है।
राजीव रंजन ने कहा कि बांग्लादेश को समय रहते चेतना चाहिए और वहां की सरकार को हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।