क्या झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य की जेलों में भोजन की गुणवत्ता पर विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है?

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क्या झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य की जेलों में भोजन की गुणवत्ता पर विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है?

सारांश

झारखंड हाईकोर्ट ने जेलों में कैदियों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। अदालत ने विस्तृत जांच रिपोर्ट की मांग की है। क्या यह कदम जेलों में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा? जानिए इस रिपोर्ट में।

Key Takeaways

  • जेलों में भोजन की गुणवत्ता पर जांच की जाएगी।
  • सरकार ने बताया कि सुधार हो चुका है।
  • जेल परिसर में कैंटीन संचालित करने की अनुमति दी गई है।
  • जेलों का निरीक्षण करने के लिए झालसा और डालसा को निर्देशित किया गया है।
  • अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी।

रांची, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य की जेलों में कैदियों को परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की विस्तृत जांच कराने का निर्देश दिया है। रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में भोजन की गुणवत्ता से संबंधित शिकायतों के मामले में गुरुवार को जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली बेंच में सुनवाई हुई।

शिकायतें आकाश कुमार राय नामक व्यक्ति द्वारा दायर क्रिमिनल अपील के दौरान अदालत में पेश की गई थीं। इस दौरान जेल अधीक्षक सुदर्शन मुर्मू और जेलर लवकुश कुमार गुरुवार को हाईकोर्ट में उपस्थित हुए। दोनों अधिकारियों ने कैदियों को दिए जा रहे भोजन की वर्तमान स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।

जेलर ने अदालत को बताया कि अब भोजन पूरी तरह से जेल मैनुअल के अनुसार उपलब्ध कराया जा रहा है और उसमें सुधार सुनिश्चित किया गया है। कोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए निर्देश के अनुसार, गृह सचिव और आईजी जेल की ओर से सभी जिलों की जेलों में भोजन की गुणवत्ता पर तैयार रिपोर्ट के साथ एक शपथ पत्र दाखिल किया गया।

सरकार ने कोर्ट को अवगत कराया कि भोजन की गुणवत्ता में पहले की तुलना में काफी सुधार हुआ है और अब सभी जेलों में मैनुअल के प्रावधानों के अनुरूप भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। कैदियों के हित में अदालत ने जेल परिसर में कैंटीन संचालित करने की अनुमति भी दी है। साथ ही यह स्पष्ट कर दिया कि भोजन आपूर्ति में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है तो उसकी जिम्मेदारी सीधा जेलर की होगी।

हाईकोर्ट ने झारखंड लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (झालसा) और जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) को राज्य के जिलों का औचक निरीक्षण कर दो सप्ताह के भीतर जेलों में भोजन पर अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में दाखिल करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर को निर्धारित की गई है।

कोर्ट ने झालसा के सदस्य सचिव को निर्देश दिया है कि वे सभी डालसा चेयरमैन को आदेश की प्रति भेजें और आवश्यकतानुसार आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करें।

Point of View

बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि कैदियों को उचित जीवन स्तर मिले। यह कदम न्यायिक सक्रियता की एक मिसाल है और सरकार को भी अपनी जिम्मेदारियों का एहसास कराने का कार्य करता है।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

झारखंड हाईकोर्ट ने जेलों में भोजन की गुणवत्ता पर क्या निर्देश दिए?
हाईकोर्ट ने राज्य की जेलों में भोजन की गुणवत्ता की विस्तृत जांच कराने का निर्देश दिया है।
कौन-कौन से अधिकारी अदालत में उपस्थित हुए?
जेल अधीक्षक सुदर्शन मुर्मू और जेलर लवकुश कुमार अदालत में उपस्थित हुए।
कैदियों के लिए भोजन की गुणवत्ता में क्या सुधार हुआ है?
सरकार ने बताया है कि भोजन की गुणवत्ता में पहले की तुलना में काफी सुधार हुआ है।
आगामी सुनवाई कब होगी?
मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी।
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