क्या झारखंड के पलामू में फोरलेन कन्स्ट्रक्शन साइट पर अपराधियों ने किया हमला?

सारांश
Key Takeaways
- झारखंड में निर्माण स्थलों पर सुरक्षा की कमी है।
- अपराधी तत्वों के खिलाफ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
- घायल मजदूर का इलाज जारी है।
- पुलिस मामले की जांच कर रही है।
- राज्य में अपराध की बढ़ती घटनाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
रांची/ पलामू, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पलामू में एनएच 39 पर एक फोरलेन रोड कन्स्ट्रक्शन साइट पर शुक्रवार को सुबह अपराधियों ने एक संगठित हमला किया। उन्होंने साइट पर कई राउंड फायरिंग की, जिसके परिणामस्वरूप एक मजदूर पीठ में गोली लगने से घायल हो गया। घायल की पहचान विक्रम सिंह के रूप में हुई है, जो पलामू के सतबरवा थाना के रजडेरवा गांव का निवासी है। उसे इलाज के लिए पलामू के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जानकारी के अनुसार, बाइक पर सवार होकर आए अपराधियों ने पलामू के सदर थानाक्षेत्र के सिंगरा स्थित कन्स्ट्रक्शन कैंप के पास सुबह 5:30 बजे पहुंचकर टेंट में सो रहे मजदूरों पर फायरिंग की। इस घटना से कैंप में अफरातफरी और दहशत का माहौल बन गया। घटना की सूचना मिलने पर कंपनी के अधिकारी और पुलिस टीम मौके पर पहुंची। घटनास्थल से गोली का खोखा भी बरामद किया गया है।
यह माना जा रहा है कि यह हमला रंगदारी के लिए किया गया है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस वारदात के पीछे किसी आपराधिक गिरोह का हाथ है या किसी उग्रवादी संगठन का। पुलिस अपराधियों की पहचान के लिए आसपास के सीसीटीवी फुटेज का अध्ययन कर रही है।
झारखंड में सड़क एवं रेलवे के कन्स्ट्रक्शन साइट और कोल परियोजनाओं में काम करने वाली कंपनियां अक्सर उग्रवादियों और आपराधिक गिरोहों का निशाना बन रही हैं। पिछले तीन वर्षों में राज्य में ऐसे हमलों की 40 से अधिक घटनाएं सामने आई हैं। हाल ही में, 23-24 जून की रात को हथियारबंद अपराधियों ने हजारीबाग जिला में सड़क निर्माण कार्य में लगी कंपनी के साइट पर हमले किए थे। उन्होंने कई मशीनों को आग के हवाले कर दिया था।
इससे पहले, 1 जून को हजारीबाग जिले में नक्सलियों ने उत्पात मचाया था, जिसमें उन्होंने कोल परियोजना में कार्यरत कंपनी के वाहनों को आग लगा दी थी। ऐसे मामलों में कोई भी मजदूर सुरक्षित नहीं रह पा रहा है।