क्या साइबर अपराधियों ने झारखंड में तीन उपायुक्तों के नाम पर फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाए?

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क्या साइबर अपराधियों ने झारखंड में तीन उपायुक्तों के नाम पर फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाए?

सारांश

झारखंड में साइबर अपराधियों द्वारा उपायुक्तों के नाम पर फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाने की घटना से प्रशासन ने सतर्कता बढ़ाई है। यह एक गंभीर चेतावनी है कि ऐसे प्रोफाइल से आने वाली फ्रेंड रिक्वेस्ट को अनदेखा किया जाए। जानें इस मामले में प्रशासन की कार्रवाई और साइबर सुरक्षा के आवश्यक उपाय।

Key Takeaways

  • साइबर सुरक्षा के प्रति सतर्क रहें।
  • फर्जी फेसबुक प्रोफाइल की पहचान करें।
  • सिर्फ अधिकृत सोशल मीडिया पेज से जानकारी लें।
  • अनजान फ्रेंड रिक्वेस्ट को अस्वीकार करें।
  • साइबर अपराध की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें।

रांची, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। साइबर अपराधियों ने रांची के उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी मंजूनाथ भजंत्री के नाम पर एक फर्जी फेसबुक प्रोफाइल तैयार किया है। कई लोगों को इस प्रोफाइल से फ्रेंड रिक्वेस्ट प्राप्त हुए हैं। जैसे ही यह जानकारी सामने आई, जिला प्रशासन ने साइबर पुलिस को सूचित कर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

जिला प्रशासन ने जनता से आग्रह किया है कि वे इस फर्जी प्रोफाइल से आने वाली फ्रेंड रिक्वेस्ट को अस्वीकार करें और उन्हें रिपोर्ट करें। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि इस तरह की गतिविधियों से बचना चाहिए, क्योंकि यह साइबर अपराध का हिस्सा हो सकता है और इससे आपको आर्थिक या व्यक्तिगत नुकसान हो सकता है।

साइबर क्राइम इकाई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रांची जिला प्रशासन ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे केवल अधिकृत सोशल मीडिया पेज और वेबसाइट्स से ही जानकारी प्राप्त करें।

इस महीने बोकारो और हजारीबाग जिले के उपायुक्तों के नाम पर भी फर्जी फेसबुक आईडी बनाने की घटनाएं सामने आई हैं। बोकारो के उपायुक्त अजय नाथ झा और हजारीबाग के उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह ने भी जनता से आग्रह किया है कि वे किसी भी अनजान या संदिग्ध फेसबुक प्रोफाइल से आए फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार न करें और किसी भी तरह की व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी साझा न करें।

हजारीबाग उपायुक्त द्वारा जारी चेतावनी में कहा गया है कि किसी भी स्थिति में रुपए के लेन-देन से बचें और इस प्रकार की घटनाओं की जानकारी तुरंत प्रशासन या साइबर सेल को दें।

वास्तव में, साइबर अपराधी ठगी और एक्सटॉर्शन के लिए डीजीपी, एसपी, डीसी से लेकर हाईकोर्ट के जस्टिस के नाम का उपयोग कर रहे हैं। पहले भी अधिकारियों की तस्वीरों का उपयोग करके फेक व्हाट्सएप प्रोफाइल बनाने और इसके जरिए मातहत अधिकारियों से लेकर व्यवसायियों तक को व्हाट्सएप संदेश भेजकर पैसे की मांग के मामलों का पता चला है।

Point of View

लेकिन लोगों को भी सतर्क रहना होगा। यह एक राष्ट्रीय चिंता है और सभी को मिलकर इसे रोकने के लिए प्रयास करना चाहिए।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

साइबर अपराधियों द्वारा फर्जी प्रोफाइल बनाने का मकसद क्या है?
साइबर अपराधी फर्जी प्रोफाइल का उपयोग ठगी और एक्सटॉर्शन के लिए करते हैं, जिससे वे लोगों से पैसे मांग सकते हैं।
क्या मुझे फर्जी फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करनी चाहिए?
नहीं, आपको किसी भी अनजान या संदिग्ध प्रोफाइल से आई फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार नहीं करनी चाहिए।
अगर मैंने अनजाने में अपनी जानकारी साझा कर दी, तो क्या करना चाहिए?
यदि आपने अपनी जानकारी साझा कर दी है, तो तुरंत स्थानीय प्रशासन या साइबर सेल से संपर्क करें।
साइबर अपराधों से बचने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए?
सिर्फ अधिकृत सोशल मीडिया पेज से जानकारी प्राप्त करें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखें।
क्या प्रशासन इन फर्जी प्रोफाइल के खिलाफ कोई कार्रवाई कर रहा है?
हाँ, प्रशासन ने साइबर पुलिस को सूचित कर कार्रवाई शुरू कर दी है।