क्या झारखंड में मोबाइल ऐप पर 108 एंबुलेंस सर्विस उपलब्ध होगी और प्राइवेट ऑपरेटर सरकारी नेटवर्क से जुड़ेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- 108 एंबुलेंस सर्विस अब मोबाइल ऐप के माध्यम से उपलब्ध होगी।
- प्राइवेट एंबुलेंस ऑपरेटरों को सरकारी नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
- सेवा में सुधार के लिए सॉफ्टवेयर विकसित किया जाएगा।
- गर्भवती महिलाओं के लिए ममता वाहन सेवा भी मोबाइल ऐप से जोड़ी जाएगी।
- राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना की समीक्षा की जाएगी।
रांची, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड में 108 एंबुलेंस सर्विस की बुकिंग अब मोबाइल ऐप के माध्यम से की जा सकेगी। इस सेवा को और भी प्रभावी और सुलभ बनाने के लिए प्राइवेट एंबुलेंस ऑपरेटरों को भी सरकारी नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। यह निर्णय स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में लिया गया।
लोगों को एंबुलेंस की उपलब्धता में आसानी करने के लिए निजी एंबुलेंस ऑपरेटरों की सेवाएं ली जाएंगी। इसके लिए एंबुलेंस ऑपरेटर्स को प्रति किलोमीटर निर्धारित दर पर भुगतान किया जाएगा। कई बार लोगों ने शिकायत की है कि 108 एंबुलेंस की बुकिंग के लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ता है। प्राइवेट एंबुलेंस को सरकारी नेटवर्क से जोड़ने से इस तरह की समस्या का समाधान होगा।
प्राइवेट एंबुलेंस के लिए विभागीय सर्टिफिकेशन, निबंधन और नियमित मूल्यांकन आवश्यक होगा। नियमों का उल्लंघन करने पर निबंधन रद्द कर दिया जाएगा। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों के लिए चल रही ममता वाहन सेवा को भी मोबाइल ऐप से जोड़ा जाएगा। इसके लिए सॉफ्टवेयर विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसे हर वर्ष अपडेट किया जाएगा ताकि सेवा में तकनीकी बाधाएं न आएं।
एंबुलेंस की भौतिक स्थिति को बनाए रखने के लिए मौजूदा वाहनों की डेंटिंग-पेंटिंग कराई जाएगी और नई एंबुलेंस की पेंटिंग हर चार वर्ष में सुनिश्चित की जाएगी। बैठक में राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना की भी समीक्षा की गई। बताया गया कि वर्तमान बीमा कंपनी का कार्यकाल फरवरी में समाप्त हो रहा है।
निर्देश दिया गया कि नई बीमा कंपनी का चयन समय पर किया जाए, ताकि राज्यकर्मियों और उनके आश्रितों को चिकित्सा में किसी प्रकार की कठिनाई न हो। इसके तहत राज्य के सभी प्रमुख अस्पतालों के साथ-साथ बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल जैसे अन्य राज्यों और महानगरों में भी सीजीएचएस दर पर अस्पतालों का निबंधन सुनिश्चित किया जाएगा।