क्या झारखंड के राज्यपाल ने छात्रों को विकसित भारत में सहभागी बनने का आह्वान किया?
सारांश
Key Takeaways
- विकसित भारत के निर्माण में छात्रों का योगदान आवश्यक है।
- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का महत्व बढ़ता जा रहा है।
- छात्रों को समाज के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।
- अनुशासन और ईमानदार प्रयास सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- कोल्हान विश्वविद्यालय को उद्योगों के साथ साझेदारी स्थापित करनी चाहिए।
चाईबासा, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के राज्यपाल और विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने बुधवार को चाईबासा में स्थित कोल्हान विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को विकसित भारत के निर्माण के लिए योगदान देने का आह्वान किया।
दीक्षांत समारोह में 2021 से 2024 तक विभिन्न पाठ्यक्रमों में उत्तीर्ण हुए 2000 से अधिक छात्रों को उपाधि प्रदान की गई। मुख्य अतिथि संतोष कुमार गंगवार ने विभिन्न संकायों के 129 टॉपर छात्रों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने केंद्र सरकार की 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' की अवधारणा का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में शिक्षा और नवाचार को नई गति मिल रही है।
उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 भारतीय ज्ञान परंपरा, कौशल आधारित शिक्षा और आधुनिक तकनीकी शिक्षण पद्धति को एकजुट करते हुए उच्च शिक्षा को मजबूती प्रदान कर रही है। कोल्हान विश्वविद्यालय इन संकल्पों को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, ऐसी उनकी आशा है।
छात्र-छात्राओं को प्रेरित करने के लिए उन्होंने कहा कि दीक्षांत केवल उपाधि प्राप्त करने का अवसर नहीं, बल्कि नई जिम्मेदारियों की शुरुआत भी है। सफलता के लिए ईमानदार प्रयास, अनुशासन, चरित्र और विनम्रता आवश्यक हैं।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कहा कि वे चाहे देश में रहें या विदेश में, अपने समाज, गांव और झारखंड की पहचान और सांस्कृतिक मूल्यों को गर्व के साथ आगे बढ़ाएं और समाज के कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशील रहें।
उन्होंने आधुनिक युग को कौशल, तकनीक और नवाचार का युग बताते हुए युवाओं से अवसरों का निर्माण करने की क्षमता विकसित करने पर जोर दिया। विश्वविद्यालय को उद्योगों, अनुसंधान संस्थानों और स्थानीय उद्यमों के साथ मजबूत साझेदारी स्थापित करने की आवश्यकता बताई, ताकि विद्यार्थियों को व्यावहारिक अनुभव और रोजगार के बेहतर विकल्प मिल सकें।
समारोह के दौरान भारतीय संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ भी किया गया। इस मौके पर कुलपति डॉ. अंजिला गुप्ता, कुलसचिव डॉ. परशुराम सियाल, डीएसडब्ल्यू डॉ. संजय यादव, प्रॉक्टर डॉ. राजेंद्र भारती समेत विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारी, सिनेट सदस्य, सिंडिकेट सदस्य, डीन एवं हेड उपस्थित रहे।