क्या झारखंड में सूर्या हांसदा मुठभेड़ मामले में भाजपा ने जांच टीम बनाई?

सारांश
Key Takeaways
- सूर्या हांसदा एक विवादास्पद राजनीतिक व्यक्ति थे।
- भाजपा ने एक जांच टीम का गठन किया है।
- मुठभेड़ के दावों पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
- पुलिस की थ्योरी पर भाजपा को संदेह है।
- स्वतंत्र जांच की मांग की जा रही है।
रांची, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के गोड्डा जिले में एक कथित पुलिस मुठभेड़ में मारे गए सूर्या हांसदा मामले ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को इस मामले की जांच के लिए एक सात सदस्यीय टीम का गठन किया।
पार्टी का आरोप है कि यह केवल एक मुठभेड़ नहीं, बल्कि एक योजनाबद्ध हत्या है। सूर्या हांसदा ने बोरियो विधानसभा क्षेत्र से एक बार भाजपा, दो बार झारखंड विकास मोर्चा और एक बार झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उनके खिलाफ लगभग दो दर्जन आपराधिक मामले दर्ज थे।
भाजपा की प्रदेश इकाई ने बताया है कि जांच दल 17 अगस्त को गोड्डा जिले का दौरा करेगा। यह टीम सूर्या हांसदा के परिजनों से बातचीत करेगी और घटनास्थल का निरीक्षण करेगी।
जांच दल में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी, प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक भानु प्रताप शाही, पूर्व सांसद सुनील सोरेन, पूर्व विधायक अमित मंडल, पूर्व विधायक रणधीर सिंह और अनिता सोरेन शामिल हैं।
गौरतलब है कि गोड्डा पुलिस ने 11 अगस्त को बोआरीजोर थाना क्षेत्र के धमनी पहाड़ के पास मुठभेड़ में सूर्या हांसदा के मारे जाने का दावा किया। पुलिस का कहना है कि सूर्या पर 20 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे और वह कई गंभीर अपराधों में फरार था।
पुलिस का दावा है कि गिरफ्तारी के दौरान जब उसे हथियार बरामदगी के लिए ले जाया जा रहा था, तभी उसके साथियों ने पुलिस पर हमला करने की कोशिश की। इस दौरान सूर्या ने पुलिस का हथियार छीनकर भागने का प्रयास किया, जिसके फलस्वरूप मुठभेड़ में उसकी मृत्यु हुई।
भाजपा ने पुलिस के इस तर्क पर सवाल उठाते हुए इसे एक योजनाबद्ध हत्या करार दिया है और पूरे घटनाक्रम की स्वतंत्र जांच की आवश्यकता पर जोर दिया है।