क्या जितेंद्र आव्हाड का बयान बहुसंख्यक समाज का अपमान है? : केसी त्यागी

सारांश
Key Takeaways
- जितेंद्र आव्हाड का बयान सियासी विवाद का कारण बना।
- केसी त्यागी ने इसे बहुसंख्यक समाज का अपमान करार दिया।
- तेजस्वी यादव के दावे को निर्वाचन आयोग ने खारिज किया।
- दुष्कर्म मामलों में सजा की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
- राहुल गांधी के बयानों पर आलोचना की गई।
गाजियाबाद, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। एनसीपी-एसपी नेता जितेंद्र आव्हाड के 'सनातन' के खिलाफ दिए गए बयान ने सियासी हलचल को बढ़ा दिया है। जेडीयू नेता केसी त्यागी ने आव्हाड के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे आपत्तिजनक बताया।
केसी त्यागी ने यह कहा कि एक जिम्मेदार पार्टी के नेता के रूप में आव्हाड को बहुसंख्यक समाज का अपमान करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि आव्हाड को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।
इसके अलावा, बिहार में राजद नेता तेजस्वी यादव ने मतदाता सूची से नाम हटाने का दावा किया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केसी त्यागी ने तेजस्वी को निशाने पर लिया।
उन्होंने कहा कि चुनाव के समय ऐसे भ्रामक बयान देना गलत है और इससे जनता में भ्रम फैलता है। निर्वाचन आयोग ने भी तेजस्वी यादव के दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि उनका नाम बिहार की मसौदा मतदाता सूची में मौजूद है।
इसके अलावा, केसी त्यागी ने दुष्कर्म के मामलों पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराधों में दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
उन्होंने मालेगांव ब्लास्ट मामले पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि अदालत के फैसलों का सभी को सम्मान करना चाहिए। इस पर नकारात्मक टिप्पणी करना उचित नहीं है। ऐसे मामलों में नकारात्मक टिप्पणी से बचना चाहिए और न्यायपालिका के निर्णयों का स्वागत किया जाना चाहिए।
उन्होंने राहुल गांधी के हालिया बयानों को भ्रामक और नकारात्मक करार देते हुए कहा कि वह 'एक्स्ट्रा-कॉन्स्टिट्यूशनल फ्रेमवर्क' के तहत काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी न तो चुनाव आयोग में विश्वास रखते हैं, न ही अदालतों में और न ही स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया में भरोसा रखते हैं।"