क्या रांची की जेल में कैदियों की डांस पार्टी पर हाईकोर्ट का सख्त रुख है?
सारांश
Key Takeaways
- झारखंड हाईकोर्ट ने जेल में कैदियों की डांस पार्टी को “शर्मनाक” बताया।
- राज्य सरकार को विस्तृत जवाब पेश करने का निर्देश दिया गया।
- जेल प्रशासन की लापरवाही पर गंभीर सवाल उठाए गए।
- कैदियों तक मोबाइल फोन और नशीली वस्तुओं की पहुँच पर कदम उठाए जाएंगे।
- इस घटना ने जेल के अनुशासन पर बड़ा सवाल खड़ा किया है।
रांची, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। रांची के होटवार में स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में शराब और जीएसटी घोटाले के आरोपी कैदियों के डांस के वीडियो पर झारखंड हाईकोर्ट ने सख्ती से प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार को इस मामले में विस्तार से जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए इस घटना को “शर्मनाक” बताया और कहा कि जेल जैसे संवेदनशील स्थान पर इस तरह की गतिविधियां किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं हैं।
मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी को निर्धारित की गई है। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने स्पष्ट किया कि वायरल वीडियो से जेल प्रशासन की गंभीर लापरवाही उजागर होती है। अदालत ने राज्य सरकार से पूछा है कि इस पूरी घटना में अब तक क्या कदम उठाए गए हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या ठोस उपाय किए जाएंगे।
गौर करने वाली बात यह है कि इससे पहले 18 नवंबर को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने इसी मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए जेल आईजी को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया था। उस सुनवाई में अदालत ने जेल के भीतर गंभीर आरोपों में बंद कैदियों की डांस पार्टी को लेकर तीखी टिप्पणी की थी और कहा था कि स्थायी जेल अधीक्षक की अनुपस्थिति में जेल प्रशासन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठते हैं।
पूर्व की सुनवाई में अदालत ने जेल प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के स्पष्ट निर्देश दिए थे कि किसी भी हाल में कैदियों तक मोबाइल फोन, चार्जर या किसी भी प्रकार की नशीली वस्तु न पहुंचे। साथ ही झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) और पुलिस प्रशासन को समय-समय पर औचक निरीक्षण करने का आदेश दिया गया था।
अदालत ने यह भी कहा था कि वायरल वीडियो से स्पष्ट है कि जेल के भीतर मोबाइल फोन का उपयोग हो रहा था, जो व्यवस्था की गंभीर विफलता को दर्शाता है। उस समय राज्य सरकार ने अदालत को बताया था कि वीडियो सामने आने के बाद कार्रवाई करते हुए जेलर देवनाथ राम और जमादार विनोद यादव को निलंबित कर दिया गया है।
जांच में यह भी सामने आया था कि डांस की घटना जेल परिसर के एक विशेष हॉल में हुई थी। वायरल वीडियो में दिखे कैदी विधु गुप्ता और सिद्धार्थ सिंघानिया शराब और जीएसटी घोटाले के आरोपी हैं और उस समय जेल में बंद थे।