क्या जेपी नड्डा ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ हाई लेवल बैठक में टीबी मुक्त भारत पर चर्चा की?
सारांश
Key Takeaways
- टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य प्राप्त करना
- स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति की समीक्षा
- दवाओं की गुणवत्ता पर जोर
- टेलीमेडिसिन का उपयोग बढ़ाना
- जन भागीदारी से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य दोनों राज्यों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति का समीक्षा करना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन पर चर्चा करना और टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को तेजी से आगे बढ़ाना था।
बैठक के दौरान सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने, मरीजों की संतुष्टि बढ़ाने, दवाओं और अस्पतालों के नियामक ढांचे को सख्त करने तथा आधुनिक तकनीक के बेहतर इस्तेमाल पर विस्तार से चर्चा की गई।
केंद्रीय मंत्री ने दवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि उत्पादन से लेकर वितरण तक पूरी सप्लाई चेन की लगातार निगरानी बेहद आवश्यक है।
फ्री ड्रग्स और फ्री डायग्नोस्टिक्स योजना पर चर्चा करते हुए नड्डा ने दोनों राज्यों को सप्लाई चेन को मजबूत करने और निगरानी की कमियों को दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय आईआईएम अहमदाबाद के साथ मिलकर दवाओं और जांच सेवाओं की खरीद में पारदर्शिता, जवाबदेही और लॉजिस्टिक्स को और बेहतर बना रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण जांच और समय पर टेस्टिंग प्रभावी स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं और इन्हें प्राथमिक से लेकर तृतीयक स्तर तक मजबूत किया जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जहाँ डॉक्टर इलाज का केंद्र हैं, वहीं अस्पताल प्रबंधन और नियामक अनुपालन के लिए पेशेवर प्रशासन बेहद आवश्यक है।
इस बैठक में ब्लड बैंक, अस्पताल प्रणाली और सुरक्षा प्रोटोकॉल के सख्त नियमन पर विशेष जोर दिया गया।
केंद्रीय मंत्री नड्डा ने कहा कि टेलीमेडिसिन दूरदराज और वंचित इलाकों तक विशेषज्ञ सेवाएं पहुंचाने का एक प्रभावी माध्यम है। उन्होंने दोनों राज्यों से इसे रोजमर्रा की स्वास्थ्य सेवाओं में गहराई से शामिल करने का आग्रह किया ताकि मरीजों को बिना बाधा विशेषज्ञ परामर्श मिल सके।
टीबी उन्मूलन को लेकर केंद्रीय मंत्री ने जिला-विशिष्ट रणनीति अपनाने, व्यापक स्क्रीनिंग, बेहतर जांच, इलाज में निरंतरता और पोषण सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन मिशन मोड में चलाया जाए और जिला व ब्लॉक स्तर पर कड़ी निगरानी सुनिश्चित की जाए।
नड्डा ने विधायकों के लिए संवेदनशीलता कार्यशालाओं का सुझाव दिया ताकि वे ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के साथ नियमित समीक्षा कर सकें। उन्होंने कहा कि जन भागीदारी से स्वास्थ्य सेवाओं में भरोसा, जवाबदेही और बेहतर परिणाम मिलते हैं।
मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला और छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने केंद्र के साथ मिलकर स्वास्थ्य योजनाओं को मजबूती से लागू करने का भरोसा दिलाया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, पीपीपी मॉडल, मेडिकल शिक्षा विस्तार, इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट और वायबिलिटी गैप फंडिंग के जरिए केंद्र सरकार पूरा सहयोग देगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ में कुष्ठ रोग प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी और तकनीकी प्रशिक्षण में हर संभव मदद दी जाएगी।