क्या कर्नाटक में आरएसएस विवाद पर प्रियांक खड़गे ने भाजपा को घेरा?

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क्या कर्नाटक में आरएसएस विवाद पर प्रियांक खड़गे ने भाजपा को घेरा?

सारांश

कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खड़गे ने भाजपा पर अदालती आदेशों की गलत व्याख्या करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा इस तरह की गलतफहमियों के जरिए राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है। क्या यह विवाद और गहरा होगा? जानें इस लेख में!

Key Takeaways

  • प्रियांक खड़गे ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • आदेशों की गलत व्याख्या का मुद्दा महत्वपूर्ण है।
  • कर्नाटक में आरएसएस की गतिविधियों पर विवाद बढ़ रहा है।
  • न्यायालय के आदेशों का सम्मान होना चाहिए।

बेंगलुरु, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक सरकार के आईटी-बीटी एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रियांक खड़गे ने गुरुवार को भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अदालती निर्देशों की गलत व्याख्या करना भाजपा नेताओं की पुरानी आदत बन चुकी है।

कर्नाटक में आरएसएस को लेकर चल रहे विवाद के बीच, प्रियांक खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, "अदालती निर्देशों की गलत व्याख्या करना भाजपा नेताओं की आदत बन गई है। कर्नाटक राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण, कलबुर्गी पीठ ने केवल एक अंतरिम आदेश पारित किया है और आरएसएस की रैली में भाग लेने वाले पीडीओ के निलंबन आदेश को रद्द या निरस्त करने का कोई आदेश नहीं दिया है।"

उन्होंने आगे लिखा, "निलंबन आदेश मामले के अंतिम फैसले तक स्थगित रहेगा। न्यायाधिकरण ने मामले को 14 नवंबर को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है और राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। हम बयान दाखिल करेंगे और मामले का विरोध करेंगे।"

कर्नाटक राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण (केएसएटी) की कलबुर्गी पीठ ने पंचायत विकास अधिकारी (पीडीओ) के निलंबन आदेश पर केवल अंतरिम राहत दी है, लेकिन भाजपा इसे अपनी जीत के रूप में प्रचारित कर रही है। खड़गे ने स्पष्ट किया कि निलंबन आदेश अंतिम फैसले तक स्थगित रहेगा और सरकार मामले का कड़ा विरोध करेगी।

यह विवाद कर्नाटक में आरएसएस की गतिविधियों को लेकर है। अक्टूबर 2025 में चित्तापुर क्षेत्र में आरएसएस के 'पथ संचालन' (रूट मार्च) में भाग लेने वाले एक पीडीओ को राज्य सरकार ने सेवा नियमों का उल्लंघन मानकर निलंबित कर दिया था। खड़गे ने 13 अक्टूबर को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस जैसे संगठनों की गतिविधियों में भाग लेने से सख्ती से रोकने की मांग की थी।

उन्होंने शो-कॉज नोटिस जारी करने और निलंबन की चेतावनी दी थी। पत्र में खड़गे ने कहा कि आरएसएस सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और मंदिरों में शाखाएं चला रहा है, जो युवाओं के मन में नकारात्मक विचार डालता है और संविधान विरोधी दर्शन को बढ़ावा देता है।

Point of View

NationPress
30/10/2025

Frequently Asked Questions

प्रियांक खड़गे ने भाजपा पर क्या आरोप लगाया?
प्रियांक खड़गे ने भाजपा पर अदालती निर्देशों की गलत व्याख्या करने का आरोप लगाया है।
आरएसएस विवाद की शुरुआत कब हुई?
यह विवाद अक्टूबर 2025 में चित्तापुर क्षेत्र में आरएसएस के 'पथ संचालन' में भाग लेने वाले एक पीडीओ के निलंबन के बाद शुरू हुआ।
भाजपा इस विवाद को कैसे देख रही है?
भाजपा इसे अपनी जीत के रूप में प्रचारित कर रही है जबकि खड़गे इसे गलतफहमी मानते हैं।