क्या कर्नाटक लोकायुक्त ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में छापेमारी की?

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क्या कर्नाटक लोकायुक्त ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में छापेमारी की?

सारांश

कर्नाटक लोकायुक्त ने राज्य के विभिन्न जिलों में सरकारी अधिकारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के आरोप में छापेमारी की। इस अद्भुत स्थिति ने सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संकेत दिया है। जानिए इस छापेमारी में किन अधिकारियों की संपत्तियों की जांच की गई है और इसका क्या प्रभाव हो सकता है।

Key Takeaways

  • कर्नाटक लोकायुक्त ने १० स्थानों पर छापेमारी की।
  • आय से अधिक संपत्ति के आरोप में सरकारी अधिकारियों की जांच की गई।
  • ३८१ करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई।
  • छापे मांड्या, बीदर, मैसूर आदि जिलों में हुए।
  • सरकारी पारदर्शिता के लिए यह कार्रवाई महत्वपूर्ण है।

बेंगलुरु, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक लोकायुक्त अधिकारियों ने मंगलवार को राज्य के १० स्थानों पर छापेमारी की। इन स्थानों पर सरकारी अधिकारियों पर उनकी आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति जमा करने का आरोप है। ये छापे मांड्या, बीदर, मैसूर, धारवाड़, हावेरी, बेंगलुरु, शिवमोग्गा और दावणगेरे जिलों में मारे गए हैं।

लोकायुक्त के अनुसार, पीडब्ल्यूडी विभाग से जुड़े असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर डी.एम. गिरीश, चीफ अकाउंट्स ऑफिसर (टाउन प्लानिंग) मांड्या सी. पुट्टास्वामी, चीफ इंजीनियर (अपर कृष्णा प्रोजेक्ट) बीदर प्रेम सिंह, रेवेन्यू इंस्पेक्टर (हूटागल्ली म्युनिसिपैलिटी, मैसूर) सी. रामास्वामी, धारवाड़ में कर्नाटक यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर सुभाष चंद्र की प्रॉपर्टीज जब्त की गई हैं।

सीनियर वेटेरिनरी एग्जामिनर हुइलगोल सतीश, प्रोजेक्ट डायरेक्टर के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ऑफिस हावेरी शेकप्पा, ऑफिस सुपरिटेंडेंट, रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी, बेंगलुरु पी. कुमारस्वामी, फर्स्ट डिवीजन असिस्टेंट एसआईएमएस मेडिकल कॉलेज शिवमोग्गा सी.एन. लक्ष्मीपति की प्रॉपर्टीज पर भी छापे मारे जा रहे हैं।

याद दिला दें कि ७ नवंबर को कर्नाटक लोकायुक्त ने बेंगलुरु के छह आरटीओ पर छापे मारे थे और बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों का पता लगाया था। कर्नाटक लोकायुक्त ने जनता की कई शिकायतों के बाद बेंगलुरु के छह रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (आरटीओ) में अचानक छापे मारे थे। जिन जगहों पर छापे मारे गए उनमें यशवंतपुर, राजाजीनगर, जयनगर, येलहंका, कस्तूरीनगर और के.आर. पुरम शामिल थे।

कर्नाटक लोकायुक्त ने १२ अधिकारियों के खिलाफ भी छापे मारे और आय से अधिक संपत्ति के मामले में ३८१ करोड़ रुपए जब्त किए। ये सर्च १४ अक्टूबर, २०२५ को ४८ जगहों पर की गईं, जिसमें अधिकारियों और उनके रिश्तेदारों के घर, ऑफिस और प्रॉपर्टी शामिल थीं।

राज्य में ४८ जगहों पर १२ सरकारी अधिकारियों और उनके रिश्तेदारों पर आय से ज्यादा संपत्ति जमा करने के आरोप में की गई सर्च के शुरुआती अनुमानों से पता चला है कि जमीन, घर, कैश, ज्वेलरी, गाड़ियां और दूसरी चल-अचल प्रॉपर्टी सहित कुल ३८१.०८ करोड़ रुपए की संपत्ति मिली है।

Point of View

NationPress
25/11/2025

Frequently Asked Questions

कर्नाटक लोकायुक्त द्वारा छापेमारी क्यों की गई?
कर्नाटक लोकायुक्त ने आय से अधिक संपत्ति के आरोप में सरकारी अधिकारियों के खिलाफ छापेमारी की।
छापेमारी के दौरान कितनी संपत्ति जब्त की गई?
छापेमारी के दौरान ३८१ करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई।
कौन-कौन से जिलों में छापेमारी की गई?
छापेमारी मांड्या, बीदर, मैसूर, धारवाड़, हावेरी, बेंगलुरु, शिवमोग्गा, और दावणगेरे जिलों में की गई।
क्या यह छापेमारी सरकारी भ्रष्टाचार को रोकने में मदद करेगी?
हाँ, यह छापेमारी सरकारी भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मदद कर सकती है।
कर्नाटक लोकायुक्त कौन हैं?
कर्नाटक लोकायुक्त एक स्वतंत्र संस्था है जो सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करती है।
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