क्या कोटिलिंगेश्वर मंदिर में एक करोड़ शिवलिंग हैं?
सारांश
Key Takeaways
- कोटिलिंगेश्वर मंदिर में लगभग 1 करोड़ शिवलिंग स्थापित हैं।
- यहाँ का शिवलिंग विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग है।
- भक्त अपनी इच्छाओं के पूरे होने पर शिवलिंग की स्थापना करते हैं।
- मंदिर 15 एकड़ में फैला है और यहाँ सभी आधुनिक सुविधाएँ हैं।
- स्वामी संभा शिवमूर्ति द्वारा इस मंदिर की स्थापना 1980 में की गई थी।
नई दिल्ली, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत एक ऐसा देश है जो आस्था, संस्कृति और प्राचीन मंदिरों का प्रतीक है। यहाँ पर हर कोने में अद्भुत और चमत्कारी मंदिर देखने को मिलते हैं। लेकिन कर्नाटक के कोलार जिले में एक ऐसा अद्वितीय मंदिर है, जहाँ लगभग 1 करोड़ शिवलिंग स्थापित हैं।
हालांकि, शिवलिंग की सटीक संख्या ज्ञात नहीं है, लेकिन भक्तों का मानना है कि मंदिर परिसर में 1 करोड़ से अधिक शिवलिंग स्थापित हैं।
कोटिलिंगेश्वर मंदिर, कम्मासंद्रा गाँव में स्थित है, जहाँ भगवान शिव को मुख्य देवता के रूप में पूजा जाता है। यहाँ का प्रमुख आकर्षण है विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग और अनगिनत छोटे शिवलिंग। 108 फीट ऊँचे विशाल शिवलिंग के सामने 35 फीट ऊँची भगवान नंदी की प्रतिमा स्थित है। इन दोनों के सामने छोटे-छोटे शिवलिंगों की भरमार है।
मंदिर परिसर में अन्य देवताओं के लिए ग्यारह छोटे मंदिर भी हैं, जहाँ भगवान हनुमान, भगवान विष्णु, ब्रह्मा, महेश और देवी अन्नपूर्णेश्वरी की पूजा होती है। शिवलिंग के पास एक जल कुंड है, जिसका उपयोग भक्त अभिषेक के लिए करते हैं।
यह मंदिर स्वामी संभा शिवमूर्ति द्वारा 1980 में स्थापित किया गया था। स्वामी का सपना था कि यहाँ 1 करोड़ शिवलिंग स्थापित हों। इसके बाद से उनके अनुयायी लगातार शिवलिंग की स्थापना कर रहे हैं। इसके अलावा, जिन भक्तों की इच्छाएँ यहाँ पूरी होती हैं, वे भी शिवलिंग की स्थापना करते हैं।
एक खास बात यह है कि भक्त अपने नाम को शिवलिंग पर अंकित कराते हैं। यहाँ हर शिवलिंग पर स्थापित भक्त का नाम मिलता है। यह मंदिर 15 एकड़ में फैला है और इसके आसपास सभी आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं।