क्या प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में काशी जीवंत सांस्कृतिक केंद्र बन गई है?: जयंत चौधरी

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क्या प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में काशी जीवंत सांस्कृतिक केंद्र बन गई है?: जयंत चौधरी

सारांश

क्या काशी अब एक जीवंत सांस्कृतिक केंद्र बन चुकी है? प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में काशी तमिल संगमम 4.0 ने दो प्राचीन सभ्यताओं को जोड़ा है। जानिए इस पहल के बारे में और कैसे यह भारत की सांस्कृतिक एकता को सशक्त बनाता है।

Key Takeaways

  • काशी का सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण और उत्सव
  • तमिलनाडु के साथ सांस्कृतिक संबंध
  • युवाओं में संवाद और सहयोग की भावना का विकास
  • प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व
  • शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का महत्व

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काशी आज एक सजीव सांस्कृतिक केंद्र के रूप में उभर चुकी है। यहाँ भारत की बहुआयामी विरासत का संरक्षण, उत्सव और प्रसार—तीनों दृष्टिगोचर होते हैं। यह बात केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री जयंत चौधरी ने गुरुवार को कही। उन्होंने काशी तमिल संगमम 4.0 के अवसर पर कहा कि यह नया सांस्कृतिक पुल तमिलनाडु के साथ भारत की सांस्कृतिक एकता को और भी सशक्त बनाता है।

जयंत चौधरी ने हाल ही में काशी तमिल संगमम 4.0 का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह आयोजन दो प्राचीन सभ्यताओं, काशी और तमिल को और निकट लाता है। यह 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना को जीवंत करता है। उन्होंने कहा कि भारत की बहुरंगी सांस्कृतिक विविधता वास्तव में एकता को मजबूत करने वाली प्रेरक शक्ति है।

उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में काशी अब विश्व सांस्कृतिक धरोहर का केंद्र बन चुकी है। काशी तमिल संगमम की यह पहल परंपराओं को जोड़ते हुए समझ, संवाद और एकता की नई चिंगारी जगा रही है। भारत की समृद्ध विरासत विश्व के समक्ष गर्व के साथ प्रस्तुत हो रही है और नई पीढ़ी आत्मविश्वास के साथ इसे आगे बढ़ा रही है।"

चौधरी ने इस वर्ष की थीम 'तमिल सीखें' की विशेष सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत की विविध भाषाएँ लोगों को जोड़ने का महत्वपूर्ण माध्यम हैं। ऐसे आयोजनों से युवाओं में परस्पर सम्मान, संवाद और सहयोग की नई भावना विकसित होती है। अपने भ्रमण के दौरान उन्होंने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, पारंपरिक कलाएं और हस्तशिल्प, भाषा कार्यशाला, छात्र विनिमय कार्यक्रम व तमिल संस्कृति पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

उन्होंने यहां विशेष रूप से युवाओं द्वारा प्रस्तुत लोकनृत्यों और कलाओं की प्रशंसा की। शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित और IIT मद्रास तथा बीएचयू द्वारा समन्वित काशी तमिल संगमम 4.0 में कई प्रमुख कार्यक्रम शामिल किए गए हैं। इनमें संगम कवि अगस्‍थ्य यात्रा, वाराणसी के विद्यालयों में 50 तमिल शिक्षकों की नियुक्ति, उत्तर प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए तमिल अध्ययन भ्रमण व वाराणसी में स्थित तमिल विरासत स्थलों का भ्रमण शामिल हैं।

इस बार सात समूहों यानी विद्यार्थियों, शिक्षकों, महिलाओं, कारीगरों, मीडिया प्रतिनिधियों, आध्यात्मिक विद्वानों तथा पेशेवर समुदाय से 1,400 से अधिक प्रतिनिधि संगमम् में भाग ले रहे हैं। गहन सांस्कृतिक सहभागिता, शैक्षणिक आदान-प्रदान और जनभागीदारी के साथ काशी तमिल संगमम 4.0 भारतीय सांस्कृतिक एकता का अद्वितीय उत्सव बनकर उभरा है। यह कार्यक्रम काशी और तमिलनाडु की कालातीत आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक परंपराओं के बीच सेतु को और सुदृढ़ कर रहा है।

Point of View

बल्कि युवा पीढ़ी में संवाद और सहयोग की भावना को भी प्रोत्साहित करता है।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

काशी तमिल संगमम 4.0 का उद्देश्य क्या है?
काशी तमिल संगमम 4.0 का उद्देश्य दो प्राचीन सभ्यताओं, काशी और तमिल, के बीच सांस्कृतिक संबंध को मजबूत करना है।
इस कार्यक्रम में कौन-कौन भाग ले रहा है?
इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों, शिक्षकों, महिलाओं, कारीगरों, मीडिया प्रतिनिधियों, आध्यात्मिक विद्वानों और पेशेवर समुदाय से 1,400 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
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